बांग्लादेश का प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) भारत के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है. बांग्लादेश से लगने वाले पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में उसने मजबूती से अपनी जड़ें जमा ली हैं. जेएमबी के आतंकी पड़ोसी देश में सुरक्षाबलों की कार्रवाई के डर से भारत बांग्लादेश बॉर्डर के राज्यों में भागकर आने का प्रयास कर रहे हैं.
यही नहीं खुफिया सूत्रों ने आजतक को जानकारी दी है कि जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश भारतीय उपमहाद्वीप के कई देशों के लिए खतरा बनता जा रहा है. खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में जमात-उल-मुजाहिदीन के कैडर की एक सीक्रेट मीटिंग को डिकोड किया है. सूत्रों के मुताबिक ये मीटिंग बांग्लादेश बॉर्डर के चट्टगांव जिले में हुई है.
एजेंसियों ने इस सीक्रेट मीटिंग की बारीकी से परतें निकलनी शुरू की तो कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए. सूत्रों के मुताबिक जमात-उल-मुजाहिदीन अलग-अलग 50 ट्रेंनिग सेंटर बनाने में जुटा है. यहां पर जेएमबी का प्लान है कि बॉर्डर एरिया से रिक्रूट किये गए युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाए. सूत्र बताते हैं कि जेएमबी ट्रेनिंग सेंटर के जरिये आतंकियों का ब्रेनवाश करने की तैयारी कर रहा है. वहीं, 400 के आसपास नए आतंकियों की भर्ती करने की कोशिश में भी लगा है.
खुफिया एजेंसियों ने आजतक को ये भी जानकारी दी है कि ये खतरनाक आतंकी संगठन अपने आतंकियों का ब्रेनवाश करके उनको फिदायीन हमले के लिए तैयार कर रहा है. यही नहीं, ये आतंकी संगठन फिदायीन हमले के लिए जेएमबी के आतंकियों के लिए आत्मघाती हमलों में इस्तेमाल में लाए जाने वाले बेल्ट भी खरीदने में जुटा हुआ है.
भारत बांग्लादेश बॉर्डर पर निगरानी रखने वाली भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं. क्योंकि जब भी इन खतरनाक आतंकियों के खिलाफ बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियां ऑपरेशन करती हैं तो ये आतंकी भारत के अंदर घुसपैठ कर देश में बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश करते हैं.
बता दें कि आए दिन पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से जेएमबी आतंकियों की गिरफ्तारी होती रहती है. पिछले अगस्त के महीने में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से सटे बांग्लादेश के नवाबगंज से एक साथ जेएमबी के 17 संदिग्ध आतंकियों की हुई गिरफ्तारी ने भारतीय सुरक्षाबलों की परेशानी बढ़ा दी थी. खबर ये भी है कि आतंकी भारतीय सीमा में प्रवेश करने की फिराक में थे. उनकी गिरफ्तारी के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर सतर्कता और ज्यादा बढ़ा दी गई है.
जेएमबी के बारे में भारत में पहली बार तब खतरनाक जानकारी मिली जब अक्टूबर, 2014 में पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान जिले के एक घर में हुए विस्फोट में इस आतंकी संगठन का नाम सामने आया था. उसी दौरान इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंप दी गई थी. जांच में जो तथ्य सामने आए, वो बेहद चौंकाने वाले थे. एनआइए ने एक के बाद एक पश्चिम बंगाल व असम के विभिन्न हिस्सों से करीब दो दर्जन जेएमबी आतंकियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. इनके ऊपर न सिर्फ एनआइए ने लाखों का इनाम घोषित कर रखा था बल्कि बांग्लादेश में भी वो मोस्ट वांटेड की लिस्ट में थे. उन आतंकियों से पूछताछ में मिले तथ्य व उनके ठिकानों से जब्त सामान को देखकर एनआइए भी दंग रह गयी.
उस समय आतंकियों के ठिकानों से रॉकेट लांचर जैसे खतरनाक हथियार भी बरामद हुए थे. इतना ही नहीं, यहां बैठकर जेएमबी आतंकी इन हथियारों को बनाते भी थे और राज्य के कुछ जिलों में अपनी गहरी पैठ बना चुके थे. साथ ही बर्द्धमान, बीरभूम व मुर्शिदाबाद जिलों में कई ऐसे मदरसों का पता चला, जहां वे लोग जिहाद के लिए युवकों को प्रशिक्षण देते व भर्ती अभियान चलाते थे. पूछताछ में इन आतंकियों द्वारा बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट करने की साजिश का भी पता चला था. साथ ही बांग्लादेश सहित पश्चिम बंगाल व असम के कुछ सीमावर्ती जिलों को मिलाकर ग्रेटर बांग्लादेश बनाने के मंसूबे तक का पर्दाफाश हुआ था.
जून में BSF ने गृह मंत्रालय को दी थी रिपोर्ट
बांग्लादेश का खतरनाक आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर पर स्थित मदरसों को जिहाद की फैक्ट्री बनाने में जुटा है. BSF की ओर से गृह मंत्रालय को दी गई एक खुफिया रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक जमात उल मुजाहिदीन भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर स्थित मदरसों में पढ़ने वाले युवाओं को जिहाद के नाम पर आतंकी संगठन में शामिल करने के लिए ब्रेन वॉश करने में जुटे हुए हैं.
रिपोर्ट यह बताती है कि जमात उल मुजाहिदीन के युवाओं को धर्म के नाम पर उकसा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक जमात उल मुजाहिदीन मदरसों में पढ़ने वाले इन किशोरों को अपने संगठन में शामिल कर संगठन को दोबारा से खड़ा करना चाहता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जमात उल मुजाहिदीन इन युवाओं को हथियारों की ट्रेनिंग भी देने की फिराक में है. हथियारों के लिए इस आतंकी की एक डील पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन से हो चुकी है.
बता दें कि जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश से ऑपरेट करता है. इसका असर बांग्लादेश से लगे भारत के सीमावर्ती इलाके में भी है. पश्चिम बंगाल के मालदा, 24 परगना और मुर्शिदाबाद जैसे कुछ जिलों में जमात उल मुजाहिद्दीन के स्लीपर सेल के लोग काफी सक्रिय बताए जाते हैं.