जामा मस्जिद के पास टूरिस्ट बस पर फायरिंग करने वाले हमलावरों ने राजधानी के और चार जगहों की रेकी की थी. इनमें पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन भी शामिल है. खुफिया सूत्रों ने यह खुलासा किया है. उनका कहना है कि हमलावर उत्तर प्रदेश से छह दिन पहले राजधानी पहुंचे थे. यही नहीं इन लोगों ने 15 अगस्त से पहले भी इन जगहों की रेकी की थी. हमला करने का इनका तरीका इंडियन मुजाहिदीन के तरीके से मेल खाता है. टूरिस्ट बस पुलिस हमलावरों की तलाश में जुटी हुई है.
खुफिया सूत्रों ने यह भी बताया कि जामा मस्जिद के पास हमला करने वालों की तादाद चार थी. दो हमलावरों ने फायरिंग की, जबकि दो ने वो कार पार्किंग की, जिसमें धमाके बाद आग लग गई थी. ऐसा माना जा रहा है कि फायरिंग के बाद कार को पार्क किया गया था.
हालांकि अब तक गोली चलाकर भागने वाले दो लोगों के बारे में अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है.
पीटीआई के मुताबिक पुलिस ने जांच के सिलसिले में अब तक 50 लोगों से पूछताछ कर चुकी है. लेकिन अब तक जांचकर्ताओं के हाथ ऐसा कुछ भी नहीं आया है जो जामा मस्जिद फायरिंग की गुत्थी सुलझा सके. दिल्ली के व्यस्त जामा मस्जिद इलाके में बाइक पर सवार होकर दो हमलावर आए और एक टूरिस्ट बस पर अंधाधुंध फायरिंग कर फरार हो गए. लेकिन, दिल्ली पुलिस और एनआइए अब तक उन हमलावरों का सुराग तक नहीं ढूंढ़ पाई है. यही नहीं, चश्मदीदों ने बाइक के जो तीन नंबर पुलिस को बताए थे, वह भी जांच में गलत निकले.
पुलिस को आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिसकी जाचं की जा रही हैं लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि जिस तरह की घटना जामा मस्जिद इलाके में हुई, वो आतंकवादी हमलों से मिलती जुलती नहीं है. मारुति कार से पुलिस को जो टाइमर मिला, वह बेहद निचले दर्जे का था. ऐसे टाइमर स्थानीय गिरोह ही इस्तेमाल करते हैं. दिल्ली पुलिस के मुताबिक कार में कोई विस्फोटक भी नहीं मिला.
दिल्ली पुलिस भले कार में मिले टाइमर को मामूली बताए, लेकिन यह साजिश बेहद खौफनाक थी. कार को ट्रांसफॉर्मर के नीचे रखा गया था. प्रेशर कुकर के जरिये कार में ब्लास्ट करने की साजिश थी ताकि इसके असर से ट्रांसफार्मर में भी धमाका हो. अगर ऐसा होता तो जामा मस्जिद इलाके में भीड़भाड़ को देखते हुए नुकसान बहुत ज्यादा होता.
इस घटना के बाद अमेरिका ने अपने नागरिकों को सतर्क और लो प्रोफाइल रहने की सलाह दी है. इस बीच, जांच में सबसे बड़ा सवाल यह है कि गोलीबारी और कार में हल्के धमाके के साथ आग की वारदात के पीछे किसका हाथ है? इसके पीछे कोई आतंकवादी संगठन है या फिर कोई आसामाजिक तत्व?