जामिया हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को शुरुआती रिपोर्ट भेज दी है. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर करीब एक दर्जन संदिग्धों की पहचान कर ली गई है. इन संदिग्धों के बारे में पुलिस ने जानकारी इकट्ठा कर ली है और उनकी तलाश की जा रही है.
जामिया हिंसा मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से एक भी छात्र नहीं हैं. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोग क्रिमिनल बैकग्राउंड के हैं. इनमें से तीन इसी इलाके के 'बैड कैरेक्टर क्रिमिनल' घोषित है. वहीं, मंगलवार को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हालत सामान्य है. कैंपस के बाहर कोई छात्र नहीं है. कैंपस के बाहर पुलिस फोर्स भी तैनात नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
जामिया हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने सोमवार को कहा था कि आप पहले याचिका दाखिल कीजिए. इसके बाद सुनवाई मंगलवार को होगी. इस दौरान चीफ जस्टिस बोबडे ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप स्टूडेंट हैं, इसलिए आपको हिंसा करने का अधिकार नहीं मिल जाता.
पुलिस ने क्या कहा?
जामिया नगर इलाके में रविवार को हुई हिंसक प्रदर्शन पर सोमवार को दिल्ली पुलिस ने घटना की पूरी जानकारी दी. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय कैंपस में दिल्ली पुलिस के घुसने पर विस्तार से अपनी बात रखी. रंधावा ने कहा कि दिल्ली पुलिस प्रदर्शनकारियों को वापस जामिया की ओर भेज रही थी तो प्रदर्शनकारी और इलाके के लोग विश्वविद्यालय कैंपस में घुस गए थे और पथराव शुरू कर दिया था. ऐसे में दिल्ली पुलिस के कुछ लोग कैंपस में घुसे थे.