जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने तीन तलाक के मसले को प्रोपगेंडा करार दिया है. मदनी ने कहा, 'अगर ट्रिपल तलाक का मुद्दा जुल्म का है, तो पहले भी इसके खिलाफ आवाज उठती. ऐसा लगता है कि प्रोपेगेंडा के तहत ऐसा हो रहा है.
मदनी के मुताबिक कोर्ट को इस मामले में दखल देने की बजाए उलेमाओं को इसका हल निकालने की जिम्मेदारी देनी चाहिए. मौलाना ने कहा, 'अभी तो ऐसा लगता है कि कोर्ट तैयार बैठा है कि दो दिनों में फैसला करना है. हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है और कोर्ट का फैसला मंजूर होगा.'
गौरक्षा के नाम पर हाल में हिंसक घटनाओं पर मौलाना अरशद मदनी ने गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की मांग की है. मदनी का कहना है कि 50 वर्षों से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग सरकार से की जा रही है, जिससे मुल्क में अमन-चैन कायम रह सके.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, 'हम हजारों साल से इस मुल्क में रहते हैं. हमारी जबान एक है, हम एक हैं. सिर्फ फर्क इतना है कि कोई हिंदू है, तो कोई मुसलमान है. कोई भेदभाव नहीं रहा. आज मुल्क में जगह-जगह जानवरों को लाने ले जाने, खरीदने और रखने पर खौफ का माहौल है.'
मदनी ने कहा कि गौ रक्षक धर्म के नाम पर अत्याचार कर रहे हैं और लोगों की जान ले रहे हैं. अगर कानून आम लोगों के हाथ में चला जायेगा तो अमन कैसे कायम किया जा सकेगा.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ट्रिपल तलाक पर कुछ नहीं करने वाला
अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि ब्रिटिश रूल के टाइम पर ऐंग्लो मुस्लिम लॉ था जो आज़ादी के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बन गया है. कुरान में जो ट्रिपल तलाक पर लिखा है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उसका उल्लंघन कर रहा है. कुरान में लिखा है कि ट्रिपल तलाक़ तीन महीने के प्रॉसेस में होना चाहिये.
तीस साल पहले भी शाहबानो मामले के समय में कहा था कि ट्रिपल तलाक में सुधार के लिये क़दम उठायें गए, लेकिन तीस साल बाद पहले से भी बदतर हालात हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक एनजीओ है.
नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि ट्रिपल तलाक पर वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए. पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे लगभग 12 देशों ने ट्रिपल तलाक़ ख़त्म कर दिया तो यहां पर क्या प्रॉब्लम है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ये झूठ बोल रहा है कि सरकार ट्रिपल तलाक के ज़रिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना चाहती है. पहले ये झूठ बोला जाता था कि बीजेपी और आरएसएस मुस्लिमों के ख़िलाफ़ है.
नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने ट्रिपल तलाक़ पर स्टैंड लिया है. वो सबका साथ, सबका विकास के नारे को ध्यान में रखकर लिया गया है. ट्रिपल तलाक को ख़त्म करने के लिए मुस्लिम समाज की महिलाओं से ही आवाज़ उठी है. उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक़ के पक्ष में जो लोग हैं, वो मुस्लिम महिलाओं के ख़िलाफ़ हैं और अपने फ़ायदे के लिए सोचते हैं.