अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई को लेकर मचे बवाल के बीच हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कहा है कि आलम के खिलाफ आरोप झूठे हैं और उन्हें रिहा करना कोई बड़ी बात नहीं है.
गिलानी ने कहा, 'मसरत आलम को अदालत ने रिहा किया है. वह कई बार जमानत पर बाहर आ चुके थे. अदालत उनके खिलाफ सभी FIR खारिज कर चुकी है. इसलिए उनकी रिहाई कोई बड़ी बात नहीं है. उनके खिलाफ आरोप झूठे हैं, मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं.
गिलानी ने यह भी कहा कि भारत को यह वास्तविकता स्वीकार करनी चाहिए कि जम्मू कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और ये देश का हिस्सा नहीं है. उनके मुताबिक, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सत्ता में कौन सी सकार है, जम्मू कश्मीर में कोई बदलाव नहीं आएगा. यह महज एक राजनीतिक स्टंट था. भारत को यह वास्तविकता मान लेनी चाहिए कि जम्मू कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है, भारत का हिस्सा नहीं है.'
मोदी ने दी सफाई
सोमवार को लोकसभा में मसरत आलम की रिहाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब दिया. मोदी ने कहा, 'आलम की रिहाई से देश के आक्रोश के स्वर में मैं अपना स्वर मिलाता हूं. जम्मू कश्मीर सरकार ने केंद्र सरकार से कोई सलाह नहीं ली थी. भारत सरकार को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मैं देश को भरोसा दिलाता हूं कि देश की एकता के मसले पर कोई समझौता नहीं होगा.