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जम्मू-कश्मीरः छिन सकता है महबूबा और उमर अब्दुल्ला से सरकारी बंगला

धारा 370 के असरहीन होने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में देश के अन्य राज्यों की तरह ही सभी तरह के आदेश लागू हो सकेंगे. इसी के तहत जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले भी खाली कराए जा सकते हैं.

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फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सईद( फाइल फोटो)
फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सईद( फाइल फोटो)

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जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के असरहीन होने से अब वहां के पूर्व मुख्यमंत्रियों से भी सरकारी बंगला छिन सकता है. कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगले खाली कराए जा चुके हैं. इन राज्यों में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई हो चुकी है. सूत्र बताते हैं कि जिस तरह से पुलवामा में आतंकी हमले के बाद 18 बड़े अलगाववादी नेताओं और 100 से अधिक स्थानीय नेताओं की सरकार ने सुरक्षा हटाने की कार्रवाई की थी.

उसी तरह अब अन्य राज्यों की तरह जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों से बंगले खाली कराए जा सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के कब्जे से सरकारी बंगले निकल जाएंगे. फारूक अब्दुल्ला हालांकि निजी बंगले में रहते हैं. मगर बताया जाता है कि वह सरकारी बंगले में न रहने के एवज में शासन से किराया वसूलते हैं. सरकार ने एक्शन किया तो फिर ये सुविधाएं इन नेताओं से छिन सकती हैं. इसी तरह कई पूर्व मंत्रियों के कब्जे में भी कुछ सरकारी बंगले हैं. इनसे भी खाली कराने की कार्रवाई हो सकती है.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी में मायावती, अखिलेश यादव, कल्याण सिंह, मुलायम सिंह यादव आदि से बंगले खाली कराए जा चुके हैं. बिहार में पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से भी सरकारी बंगला लिया जा चुका है. कोर्ट ने यह आदेश जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया था. बता दें कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में पिछले सात दशक से लागू अनुच्छेद 370 के दो प्रावधानों अनुच्छेद 370(दो) और 370(3) को हटा दिया. जिससे जम्मू-कश्मीर को अब तक मिलने वाले कई विशेषाधिकार एक झटके में खत्म हो गए. इसी के साथ संसद से पारित सभी कानूनों के जम्मू-कश्मीर में लागू होने का रास्ता साफ हो गया.

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