जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा, जब वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद महबूब बेग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. बेग ने पीडीपी के अपने प्रतिद्वन्द्वी मुफ्ती मोहम्मद सईद को बिना शर्त समर्थन दिया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के दिग्गज नेता मिर्जा अफजल बेग के पुत्र महबूब बेग ने अनंतनाग जिले में सरनाल स्थित अपने आवास पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में पार्टी से इस्तीफा देने के निर्णय की घोषणा की. उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से अनंतनाग क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले को भी नामंजूर कर दिया. वहां चौथे चरण में 14 दिसंबर को चुनाव होना है.
बेग ने कार्यकर्ताओं से कहा, ‘मैं मुफ्ती मोहम्मद सईद (अनंतनाग से पीडीपी के उम्मीदवार) को बिना शर्त समर्थन देता हूं, क्योंकि वह एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जो कश्मीर में बीजेपी के बढ़ते कदमों को रोक सकते हैं.’ हालांकि बेग ने कहा कि वह पीडीपी में शामिल नहीं होंगे.
सत्तारूढ़ पार्टी से इस्तीफा देने का कारण बताते हुए बेग ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने कभी उन्हें विश्वास में नहीं लिया और संगठनात्मक मामलों व अनंतनाग में विकास से जुड़े कार्यों में उनके सुझाव को नजरंदाज किया गया. राज्य सरकार में नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंत्रियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें केवल अपने क्षेत्र की चिंता है. उन्होंने कहा, ‘एक मंत्री दूसरे मंत्री के क्षेत्र के विकास का कार्य देखता है और यह सिलसिला आगे बढ़ता है. चूंकि अनंतनाग से कोई मंत्री नहीं है, इसलिए विकास में इसकी अनदेखी हुई है.’
बेग ने आरोप लगाया कि जब बैंक में भर्ती (जम्मू-कश्मीर में) हुई, तब चरार-ए-शरीफ (वित्तमंत्री एआर राठर) के क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिला. नरेगा में ग्रामीण क्षेत्र में नियुक्ति में खानयार क्षेत्र (ग्रामीण विकास मंत्री अली मोहम्मद सागर) के लोगों को भरा गया. बेग ने कहा कि चुनाव के बाद जो भी सरकार राज्य में सत्ता में आएगी, उसे इन गलत कामों की जांच के लिए आयोग गठित करना चाहिए.
---इनपुट भाषा से