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जम्‍मू-कश्‍मीर रहेगा वार्ता का मुख्‍य मुद्दा: पाक विदेश सचिव

पाकिस्‍तान के विदेश सचिव ने कहा है कि भारत के साथ वार्ता में जम्‍मू-कश्‍मीर का मुद्दा ही अहम रहेगा. इस पर भारत ने कहा है कि इस वार्ता से ज्‍यादा उम्‍मीद करना बेमानी है.

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पाकिस्‍तान के विदेश सचिव ने कहा है कि भारत के साथ वार्ता में जम्‍मू-कश्‍मीर का मुद्दा ही अहम रहेगा. इस पर भारत ने कहा है कि इस वार्ता से ज्‍यादा उम्‍मीद करना बेमानी है.
आतंकवाद की गंभीर चुनौतियों से जूझ रहे भारत और पाकिस्तान आज बातचीत की टेबल पर बैठ रहे हैं. दोनों देशों के विदेश सचिवों की वार्ता में भारत की तरफ से जाहिर तौर पर आतंकवाद सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन पड़ोसी इससे आंख चुराने की कोशिश में है.
भारत-पाकिस्तान के बीच सचिव स्तर की बातचीत ऐसे मौके पर हो रही है जब पुणे धमाके की आग ठंढी भी नहीं हुई है. भारत का दुश्मन नंबर एक हाफिज सईद लाहौर की सड़कों पर जेहाद का नारा बुलंद करने में लगा है. जाहिर है बातचीत की टेबल पर भारत के लिए 26/11 का हमला और सरहद पार से आतंक का मसला सबसे ऊपर रहेगा, जबकि इस मसले पर पाकिस्तान का जवाब गोलमोल ही है.
मुंबई हमले के बाद पहली बार हो रही सचिव स्तर की बातचीत में पाकिस्तान की कोशिश पानी के बंटवारे से लेकर कश्मीर तक सभी विवादित मुद्दों को शामिल करने की है. बातचीत से पहले पाकिस्तानी विदेश सचिव से हुर्रियत के नेताओं ने भी दिल्ली में मुलाकात की. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी दोनों मुल्कों के बीच बातचीत की बहाली का स्वागत किया है.
भारत का दावा है कि वो खुले दिमाग के साथ बातचीत के लिए उतर रहा है, लेकिन आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान की पैतरेबाजी और 26/11 के गुनहगारों के खिलाफ उसकी ढिलाई को भी नकारा नहीं जा रहा है. हालांकि इस बैठक से किसी नतीजे की उम्मीद नहीं है लेकिन विदेश मंत्रालय इसे अगली बातचीत के लिए एक कदम जरूर मान रहा है.

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