अमरनाथ ज़मीन विवाद का झगड़ा थमता नहीं, पर पर्यटकों का आना थम सा गया है. इस साल कश्मीर में जितने सैलानी आए, पिछले बीस साल में कभी नहीं आए थे. लेकिन, जबसे ज़मीन विवाद शुरू हुआ, हालात बदल गए.
आप चाहें तो कश्मीर में हाउस बोट की खूबसूरती को लगातार निहार सकते हैं. लेकिन, इसके मालिक के लिए यहां एक-एक पल भारी पड़ रहा है. क्या करे, सैलानियों का इंतज़ार ख़त्म ही नहीं होता. श्रीनगर के सभी हाउस बोट वालों का यही हाल है.निशात बाग पहले वाला निशात बाग नहीं रहा.
यानी इस जन्नत की हक़ीक़त वो नहीं है जो बाहरी तौर पर दिखाई पड़ रही है. दरअसल, खूबसूरती की चादर ओढ़कर भी कश्मीर उदास है. सबको पता है, किसकी नज़र लग गई है इसे. कश्मीर कुछ कहता है. कोई सुनेगा.