जम्मू- कश्मीर में होने वाली अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे और सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. बैठक में अमरनाथ यात्रा को लेकर गृह मंत्रालय ने अहम फैसले लिए हैं.
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात की जाने वाली सुरक्षा बलों की कंपनियों में बढ़ोतरी की जाएगी. करीब 30 से 40 कंपनियां अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनात होगी. यह कंपनियां जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की होंगी.
बता दें कि गृह मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, आईबी ने एक फुलप्रूफ प्लान बनाया है. इसके लिए बैठकों का दौर आगे भी जारी रहेगा.
कैसे की जाएगी निगरानी?
एरियल सर्विलेंस के जरिए यात्रियों के बसों की निगरानी की जाएगी. बसों के आगे-पीछे सुरक्षा एस्कार्ट चलेंगे. साथ ही ड्रोन कैमरे से भी निगरानी का विचार चल रहा है. सुरक्षा एजेंसियों का यात्रियों की मैन टू मैन मार्किंग का प्लान यानि हर यात्री के मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी. यात्रियों के रजिस्ट्रेशन और बसों के मूवमेंट पर खास नजर रहेगी. यात्रियों का रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा. साथ ही हर बैच के मूवमेंट का समय और उसके डीटेल सुरक्षा एजेंसियों को देने होंगे.
सुरक्षा एजेंसियों को अंदेशा है कि हाल ही के दिनों में इतनी ज्यादा तादात में आतंकवादी जो मारे गए हैं. उसका बदला लेने के लिए आतंकवादी बड़ा हमला करने की फिराक में हैं.
बता दें कि अमरनाथ यात्रा 60 दिन की होती है. शेड्यूल के मुताबिक ही अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होगी और तय कार्यक्रम के मुताबिक ही चलेगी.