जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकी हमले पर केंद्र सरकार ने बेहद गंभीर है. सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर को दिल्ली बुलाया गया है. गृह मंत्रालय में गृह सचिव राजीव गौबा ने भटनागर के साथ बैठक की. माना जा रहा है कि अनंतनाग में 5 जवानों की शहादत का बदला कैसे लिया जाएगा? इस पर दोनों अधिकारियों ने चर्चा किया. इसके अलावा मौजूदा हालात की भी समीक्षा की गई.
सूत्रों के मुताबिक, आरआर भटनागर ने गृहसचिव राजीव गौबा को सीआरपीएफ की जवाबी कार्रवाई की डिटेल दी. उन्होंने (भटनागर) कहा कि मौके पर एक फिदायीन को मार गिराया गया है. सीआरपीएफ के पास मौजूद मोबाइल और सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला है कि केवल एक फिदायनी था. इसके साथ ही उन्होंने अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा इंतजामों के बारे में भी बताया.
अमरनाथ यात्रा के रूट पर आतंकी हमला
पुलवामा हमले के बाद यह आतंकियों का बड़ा हमला था. अमरनाथ यात्रा से पहले उसी रूट पर आतंकियों ने 5 जवानों को शहीद कर दिया. इस हमले के बाद 17 दिन बाद शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है.
आतंकी हमले में शहीद होने वाले जवानों के नाम
रमेश कुमार, एएसआई - झज्जर, हरियाणा
निरोद शर्मा, एएसआई - नालबारी, असम
सतेंद्र कुमार, कॉन्सटेबल - मुजफ्फरनगर
कुमार कुशवाहा, कॉन्सटेबल - गाजीपुर
संदीप यादव, कॉन्सटेबल - देवास
अल-उमर-मुजाहिद्दीन ने ली हमले की जिम्मेदारी
हमले की जिम्मेदारी अल-उमर-मुजाहिद्दीन नाम के आतंकी संगठन ने लगी है. इस संगठन का सरगना मुश्ताक जरगर है. बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान भी वो निशाने पर था. मुश्ताक जरगर वहीं आतंकी है, जिसे 1999 में आईसी-814 के अगवा यात्रियों के बदले छोड़ा गया था. उसके साथ मसूद अजहर और शेख उमर को भी छोड़ा गया था.