28 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरा मंडरा रहा है. इस बार यह खतरा लश्कर, जैश और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ-साथ आईएस से भी है. दरअसल पिछले कुछ दिनों पहले ISJK से प्रभावित एक गुट लगातार कश्मीर घाटी में आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए जुटा हुआ था. सुरक्षाबल 8 से 10 लोगों के इस ग्रुप की पहचान पिछले साल से करने में जुटे थे.
गृह मंत्रालय को शुक्रवार को हुए ऑपरेशन के बारे में जो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुरुआती जानकारी दी है उसके मुताबिक यह आतंकी अमरनाथ यात्रा को निशाने पर रखकर यात्रा रूट के एक गांव खिर्रुम गांव मे रुके हुए थे.
सुरक्षाबलों ने जब इनके खिलाफ घेरा बनाया तब यह आतंकी एक घर से दूसरे घर में भागने लगे. इस दौरान सुरक्षाबलों ने चार आतंकवादियों को ढेर कर दिया. जम्मू कश्मीर पुलिस ने गृह मंत्रलाय को ये भी जानकारी दी है कि इस गुट में 8-10 आतंकवादी हैं जो आईएस के विचारधारा से प्रभावित हैं.
गृह मंत्रालय सूत्रों से ये भी जानकारी मिली है कि अनंतनाग में शुक्रवार को जो 4 आतंकी ढेर हुए, वे बड़े ही खतरनाक आतंकी थे. 'आज तक' को मिली जानकारी के मुताबिक इन आतंकियों में से दाऊद सोफी ISJK का सरगना था और वह पूरे ग्रुप को आईएस की विचारधारा के आधार पर जम्मू-कश्मीर में युवाओं को प्रभावित कर रहा था.
'आज तक' के पास मौजूद मारे गए आतंकियों की सूची
मारे गए आतंकवादियों की सूची 'आज तक' के पास मौजूद है, जिसके मुताबिक मोहम्मद अशरफ इट्टू जम्मू कश्मीर के श्री गुफवाद का रहने वाला था. इसकी उम्र 28 साल बताई जा रही है. दूसरा आतंकी आदिल रहमान भट्ट बिजबेहरा का रहने वाला था. इसकी उम्र 26 साल बताई जा रही है.
वहीं माजिद जिसकी उम्र 22 साल थी, वह पुलवामा का रहने वाला था. इस ग्रुप का कमांडर दाऊद सोफी था. वह श्रीनगर के एचएमटी कालोनी का रहने वाला था. इसकी उम्र 38 साल बताई जा रही है.
कश्मीर घाटी 205 आतंकी सक्रिय
दरअसल 'आज तक' ने पहले ही यह जानकारी दी थी कि अमरनाथ यात्रा रूट को निशाना बनाने के लिए कश्मीर घाटी में आतंकियों की एक फौज खड़ी है, जिसमें 48 विदेशी आतंकी हैं. खुफिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक इस समय कश्मीर घाटी में करीब 205 आतंकी सक्रिय हैं. जो अलग-अलग जगहों पर मौजूद हैं. 'आज तक' ने यह भी जानकारी दी थी कि साउथ कश्मीर के इलाके के उन रास्तों में आतंकी अपनी ज्यादा पैठ बनाने में जुटे हुए हैं जहां से अमरनाथ यात्रा गुजरती है.
दरअसल आतंकी अमरनाथ यात्रा पर हमला कर एक तरीके से कश्मीर घाटी में हिंसा फैलाने की कोशिश में हैं. इन सब के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई खड़ी है. सूत्र यह बताते हैं कि कश्मीर घाटी में मौजूद हिजबुल मुजाहिद्दीन के 102 आतंकी, साथ ही लश्कर के 38 विदेशी आतंकी, जो कि पाकिस्तान से घुसपैठ कर घाटी में पहुंचे हैं. यह लगातार कोशिश कर रहे हैं कि अमरनाथ यात्रा में खलल डाला जाए.
एनएसजी के कमांडो तैनात
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित और सुचारु रुप से चलाने के लिए गृह मंत्रालय ने एनएसजी के दो दर्जन कमांडो को पहले से ही श्रीनगर में तैनात कर दिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनएसजी के यह कमांडो जरूरत पड़ने पर अपना ऑपरेशन कश्मीर घाटी में काम कर रही दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के साथ करेंगी.