अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. लेकिन अब जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य होते दिखाई दे रहे हैं. इस बीच उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आंशिक रूप से मोबाइल फोन सेवाओं को शुरू किया गया है. इसके तहत इनकमिंग कॉल की सेवाओं को बहाल किया गया है, लेकिन आउटगोइंग कॉल पर अभी भी पाबंदी रहेगी.
जम्मू-कश्मीर के लगभग 10 जिलों में टेलीफोन सेवाएं चालू की गई हैं, वहीं कुपवाड़ा और हंदवाड़ा इलाकों में भी टेलीफोन सेवाएं चालू की गई हैं. इससे पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि घाटी में जैसै ही जनजीवन पटरी पर लौटेगा, टेलीफोन सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने घाटी में इंटरनेट व्यवस्था बहाल न करने पर सफाई पेश की थी. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि इंटरनेट आतंकियों का सबसे बड़ा हथियार है. इसलिए घाटी में हालिया स्थिति को देखते हुए इंटरनेट सुविधाओं को बंद रखा गया.
सत्यपाल मलिक ने कहा कहा था कि फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल हम कम करते हैं, आतंकी और पाकिस्तानी ज्यादा करते हैं. पाकिस्तानी और आतंकी इन सुविधाओं का इस्तेमाल लोगों के जुटाने और हिंसा फैलाने के लिए करते हैं. आतंकी इसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ हथियार की तरह करते हैं, इसलिए हमने उसे बंद कर दिया है. सभी सुविधाएं थोड़े वक्त के बाद फिर से सामान्य हो जाएंगी.
पिछले एक सप्ताह में जम्मू-कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. जम्मू कश्मीर में टेलीफोन एक्सचेंज खोले जा रहे हैं. लैंडलाइन सेवाएं धीरे-धीरे बहाल की जा रही है. अगर स्कूलों की बात करें तो प्राथमिक और मध्य विधालय राज्य में पहले से खुल चुके हैं. राज्य में अब तक 1500 प्राथमिक और 1 हजार मिडिल स्कूल खोले गए हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कहना है कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. प्रशासन ने बताया कि 20 जुलाई से 23 अगस्त के बीच 32 करोड़ रुपये की दवाइयां राज्य को भेजी गई हैं.