जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों में कमी लाने का ऐलान किया था. इस क्रम में अभी तक 13 भारतीय राजनयिक अधिकारी और कर्मचारी अपने परिवार के साथ पाकिस्तान छोड़ चुके हैं. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन राजनयिकों ने अस्थायी या फिर स्थायी तौर पर पाकिस्तान छोड़ा है.
वहीं इससे पहले पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी पाकिस्तान ने भारत वापस जाने को कहा था. गुरुवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने ऐलान किया था कि रायनयिक स्टाफ में कमी की जाएगी. भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय समझौते के तहत मिशन की कुल क्षमता 110 है, जिसमें ऑफिसर्स और स्टाफ शामिल है. यह पारस्परिकता के आधार पर है.
जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने और संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को खत्म करने और सभी द्विपक्षीय व्यवस्था की समीक्षा करने की बात कही है.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने कश्मीर को लेकर स्थिति पर चर्चा की, जिसके बाद पाकिस्तानी सरकार ने कई फैसले किए हैं, उसी के तहत लिए गए कई फैसलों में यह भी शामिल था. प्रधानमंत्री इमरान खान की सूचना एवं प्रसारण मामलों की विशेष सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के रुख को साफ किया और कहा कि पाकिस्तान अपने पुराने स्टैंड पर कायम है और वह अपने देश के हितों की रक्षा करेंगे.
गौरतलब है कि अनुच्छेद-370 पर भारत के फैसले से तिलमिलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापारिक रिश्तों को निलंबित करने का फैसला किया है. लेकिन इस फैसले से भारत को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि देश के कुल विदेश व्यापार का महज 0.31 फीसदी ही पाकिस्तान के साथ होता है. इसके अलावा पाकिस्तान के साथ व्यापार में 80 फीसदी माल भारत से पाकिस्तान जाता है, जबकि पाकिस्तान से महज 20 फीसदी माल भारत आता है.