जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को कमजोर किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है. इस मामले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अगली तारीख तय करेंगे और बताएंगे कि ये कब सुना जाएगा.
इस दौरान अदालत ने संयुक्त राष्ट्र से जुड़ा एक सवाल भी पूछा. अदालत ने पूछा कि क्या UN हमारे संविधान में किए गए बदलाव पर रोक लगा सकता है. बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया है और साथ ही अनुच्छेद 370 को कमजोर किया है.
मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की गई थी, जिसमें इस फैसले को अंसवैधानिक बताया था. गुरुवार को जब ये मामला जस्टिस एनवी रमन्ना के सामने आया तो उन्होंने कुछ सवाल पूछे और कह दिया कि वह इस मामले की चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के सामने उठाएंगे. वही इस मामले की लिस्टिंग करेंगे.
वकील एमएल शर्मा ने इस दौरान अदालत को बताया कि पाकिस्तान इस मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाना चाहता है. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि अगर पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में जाता है तो क्या वह भारत के संविधान में हुए बदलाव पर रोक लगा सकता है? इस पर वकील ने कहा है कि ऐसा नहीं है.
अदालत में जो याचिका दायर की गई है, उसमें कहा गया है कि सरकार ने धारा 367 में जो संशोधन किया है वह पूरी तरह से असंवैधानिक है. सरकार ने इस मामले में मनमानी की है और असंवैधानिक ढंग से कार्रवाई की है. आपको बता दें कि इस याचिका के अलावा एक और याचिका दायर की गई है, जिसमें जम्मू-कश्मीर से तुरंत कर्फ्यू हटाने की मांग की गई है.
केंद्र सरकार ने एहतियात के तौर पर अभी श्रीनगर, जम्मू और लद्दाख के इलाकों में धारा 144 लागू की हुई है. सभी जगहों पर अभी सुरक्षाबलों की भारी तैनाती है.