केंद्र सरकार के 36 मंत्री 18 से 25 जनवरी तक जम्मू और कश्मीर का दौरा करेंगे. ये मंत्री सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के लिए चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों को आम लोगों के बीच पहुंचाएंगे. मंत्री घाटी की स्थिति का भी जायजा लेंगे. केंद्र सरकार के मंत्री जम्मू-कश्मीर में लोगों को उन कार्यक्रमों की जानकारी देंगे, जिन्हें सरकार ने 5 अगस्त को धारा 370 को निरस्त के बाद शुरू किया है.
केंद्र सरकार ने यह फैसला विपक्ष के अनुच्छेद 370 के खिलाफ किए जा रहे प्रचार पर अपना पक्ष रखने का है. केंद्र सरकार कश्मीर पर विपक्ष के दिए गए बयानों को खारिज करेगी, साथ ही यह बताएगी कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का फैसला स्थानीय निवासियों को हित में है.
दरअसल जम्मू और कश्मीर में विपक्ष का एक बड़ा तबका यह कह रहा है कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद स्थानीय लोगों की जमीनें छीन ली जाएंगी, साथ ही लोगों का रोजगार भी छीन लिया जा रहा है. इन अफवाहों के खिलाफ केंद्र सरकार 370 हटाने के फायदे लोगों तक पहुंचाएगी.
'कश्मीर के विकास में बाधक था अनुच्छेद 370'
केंद्र सरकार के मंत्री और बीजेपी के नेता कश्मीर के लोगों को बताएंगे कि कश्मीर के लोगों के लिए अनुच्छेद 370 विकास में बाधक था. अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने से कश्मीर के लोगों को केंद्र सरकार की कई योजनाओं का सीधे लाभ मिलेगा, जिन योजनाओं का लाभ विशेष उपबंधों के चलते कश्मीर के लोग नहीं ले पा रहे थे.
इससे पहले भी बीजेपी के कई केंद्रीय मंत्री दावा कर चुके हैं कि कश्मीर के विकास में सबसे बड़ा बाधक अनुच्छेद 370 था. इसकी वजह से केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ कश्मीर के लोगों को नहीं मिल पाता था.
देश के कई हिस्सों में लागू कुछ कानून जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं होते थे. केंद्र सरकार के 5 अगस्त को कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले के बाद अब कश्मीर भी देश के बाकी हिस्सों की तरह एक केंद्र शासित प्रदेश है. केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए सभी कानून जम्मू और कश्मीर में लागू होंगे.
कश्मीर में जमीनी हालात में सुधार
कश्मीर में अब जमीनी हालातों में सुधार हो रहा है. कभी आतंकवाद से बुरी तरह जूझ रहे कश्मीर में अब आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है. जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में जमीनी हालात में सुधार आए हैं. हिंसा की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है, यह जम्मू-कश्मीर की आबादी के लिए बहुत अच्छी बात है. इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने की दिशा में एक कदम आगे है.