जम्मू-कश्मीर में सोमवार को अलगाववादियों के बुलाए बंद का असर दिख रहा है. आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की तीसरी बरसी पर ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने यह बंद बुलाया है. इस कारण सोमवार को घाटी की सभी दुकानें और स्कूल बंद हैं. एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है.
Jammu & Kashmir: Shut down in Srinagar today, on the 3rd death anniversary of terrorist Burhan Wani. pic.twitter.com/QLc07Mxu8r
— ANI (@ANI) July 8, 2019
जेआरएल की हड़ताल के कारण घाटी में जनजीवन पर असर देखा जा रहा है. सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था लगभग ठप है और सरकारी प्रतिष्ठान बंद हैं. प्रशासन ने पूरी घाटी में सुरक्षा के चाक-चौबंद बंदोबस्त किए हैं और लोगों पर निगरानी रखी जा रही है. जो गाड़ियां आती-जाती दिख रही हैं, उनकी पूरी चेकिंग हो रही है. घाटी के कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.
जेआरएल अलगाववादी पार्टियों का एक धड़ा है जिसमें सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक की पार्टियां शामिल हैं. इन नेताओं ने हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है.
हड़ताल को देखते हुए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि यह सड़क दक्षिण कश्मीर के तीन जिलों कुलगाम, अनंतनाग और पुलवामा से होकर गुजरती है. इस राजमार्ग का इस्तेमाल फिलहाल अमरनाथ यात्री भी कर रहे हैं, इसलिए पुलिस और सैन्य बलों ने अपनी निगरानी बढ़ा दी है. जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है जो 1 जुलाई से 15 अगस्त तक चलेगी.
सैन्य बलों ने एक मुठभेड़ में आतंकी वुरहान वानी को 8 जुलाई 2016 को अनंतनाग जिले में मार गिराया था. वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शन काफी तेज हो गए और हर बरसी पर इन प्रदर्शनों में तेजी देखी जाती है. इस मौके पर कई पत्थरबाज सड़कों पर उतर आते हैं और पुलिस प्रशासन का विरोध करते हैं. ऐसी घटना में अब तक 98 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है. पुलिस की कार्रवाई में 4 हजार लोग घायल बताए जाते हैं.