सैलाब से तबाह कश्मीर में सेना और एनडीआरएफ की टीम ने ताकत झोंक दी है. जम्मू-कश्मीर में अब तक 23 हजार लोग बचाए गए हैं. हालांकि, कई इलाकों में अब भी लोगों के फंसे होने की खबर है. झेलम नदी का जल स्तर भी तीन से चार फीट गिर गया है.
जम्मू-कश्मीर में एनडीआरएफ, सेना और सिविल डिफेंस ने राहत और बचाव का काम तेज कर दिया है. रात दिन राहत के काम में लगी सेना और एनडीआरएफ की टीम ने हजारों लोगों को बचाया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी भी आ रही है. NDRF की 17 टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में हेलीकॉप्टरों से राहत सामग्री गिराई जा रही है. राहत काम में 29 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं. हालांकि जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे अब भी बंद हैं जिसके चलते बाहर के राज्यों से आए लोगों को दिल्ली वापस विमान से भेजा गया है.(फोटो: जम्मू के पास तवी नदी पर क्षतिग्रस्त पुल)
श्रीनगर में झेलम के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है. झेलम में पानी का लेवल 3 से 4 फीट तक कम हुआ है. लेकिन श्रीनगर शहर में अब भी जलस्तर कम नहीं हुआ है. पुराने शहर के कई इलाकों में 8 से 10 फीट तक पानी भरा हुआ है. हालांकि इंदिरानगर और आस-पास के इलाके से महिलाओं और बच्चों को बचा लिया गया है. लेकिन कई इलाकों में राहत बचाव टीम का अब भी इंतजार है. वहीं जम्मू के कई इलाकों में 5 फीट तक पानी भरा हुआ है.
श्रीनगर के लाल चौक में फंसे लोगों को सेना ने सुरक्षित बाहर निकाला है. ये पिछले दो दिनों से बाढ़ में फंसे थे. श्रीनगर में बाढ़ में सैकड़ों मकान तबाह हो गए हैं. श्रीनगर एयरपोर्ट पर फंसे लोगों ने आपबीती सुनाई. नेटवर्क नहीं होने से इनका रिश्तेदारों से फोन पर संपर्क नहीं हो पा रहा है. किसी तरह की मदद नहीं मिलने से लोग नाराज भी दिखे.
जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के ताजा हालात को लेकर कैबिनेट सचिव ने समीक्षा बैठक बुलाई है, जिसमें मौजूदा हालात पर चर्चा होगी.