राज्यसभा में लिखित जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय ने कहा है कि इनपुट के आधार पर डीजीपी जम्मू-कश्मीर को जानकारी मिली है कि श्रीनगर समेत कश्मीर घाटी के कई जिलों में बंद कैदी देश विरोधी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं. इस रिपोर्ट में इन कैदियों को कश्मीर घाटी के बाहर की जेलों में ट्रांसफर करने का सुझाव दिया गया है.
जम्मू-कश्मीर राज्य में जेल मैन्युअल के आधार पर ऐसे कैदियों का तत्काल ट्रांसफर करने के लिए उचित कार्रवाई करने की सलाह दी गई है. आपको बता दें कि एनआईए ने 12 मार्च 2018 को श्रीनगर जेल में CRPF, NSG, BDS दस्ते के साथ तलाशी अभियान चलाया था.
बता दें कि श्रीनगर की सेंट्रल जेल में रेड मारकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक पाकिस्तानी झंडा और मोबाइल फोन सहित जिहादी साहित्य जब्त किया था. सूत्रों के मुताबिक 12 मार्च, 2018 को एनआईए के बीस अधिकारियों, जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की संयुक्त टीम ने जेल में छापेमारी की थी. इस दौरान NIA के अधिकारी ने जानकारी दी थी कि रेड के दौरान कुछ मोबाइल फोन, सिम कार्ड, आईपॉड, एक पाकिस्तानी झंडा और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई हैं.
NIA और दूसरी एजेंसियों के सुरक्षा अधिकारियों ने जेल में ऐसे समय में छापेमारी की थी जब 6 फरवरी को लश्कर-ए-तैयबा का उग्रवादी नावेद जाट उर्फ अबू हुनजुल्लाह मेडिकल चेकअप के वक्त जेल से फरार हो गया था. खबरों के मुताबिक जेल के अंदर के ही कुछ लोगों ने उसकी मदद की थी. अबू हुनजुल्लाह के जेल से भागने के बाद ही उग्रवादियों ने श्रीनगर के एसएमएचएस हॉस्पिटल के पास दो पुलिसकर्मियों को हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद श्रीनगर की सेंट्रल जेल में बंद बड़े उग्रवादियों को कश्मीर घाटी के बाहर की जेलों में ले जाया गया है.