जम्मू-कश्मीर में लागातर हो रहे आतंकी हमले और घाटी में मचे राजनीतिक बवाल के बीच अक्टूबर-नवंबर में होने वाले निगम चुनाव की घोषणा कर दी गई है. जम्मू कश्मीर में शहरी निकाय चुनाव चार चरणों में कराये जायेंगे और पहले चरण का मतदान आठ अक्तूबर को होगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को यह जानकारी दी. इस घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव संहिता लागू हो गई है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) शालीन काबरा ने कहा,'पहले नगर पालिका चुनाव होंगे और इसके बाद पंचायत चुनाव होंगे. नगर पालिका चुनाव चार चरणों में होंगे और यह पार्टी आधार पर आयोजित किये जायेंगे.'
उन्होंने बताया कि इन चुनावों के लिए पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जायेगा जबकि प्रवासी मतदाता डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान कर पायेंगे. काबरा ने कहा कि पहले चरण के लिए अधिसूचना 18 सितम्बर को जारी की जायेगी.
सीईओ ने कहा, 'इस चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 सितम्बर होगी जबकि 28 सितम्बर को नामांकन वापस लिये जा सकेंगे. पहले चरण के लिए 8 अक्तूबर को मतदान कराया जायेगा.' उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के लिए 20 सितम्बर को अधिसूचना जारी की जायेगी और इस चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 27 सितम्बर होगी.
काबरा ने कहा, 'नामांकन पत्र वापस लेने की तिथि एक अक्तूबर है और मतदान 10 अक्तूबर को होगा.' मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि तीसरे चरण के लिए 22 सितम्बर को अधिसूचना जारी की जायेगी और नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 29 सितम्बर होगी. उन्होंने कहा, 'तीन अक्तूबर को नामांकन पत्र वापस लिये जा सकेंगे और तीसरे चरण के लिए मतदान 13 अक्तूबर को होगा.'
उन्होंने बताया कि चौथे एवं अंतिम चरण के लिए अधिसूचना 24 सितम्बर को जारी की जायेगी और उम्मीदवार एक अक्तूबर तक अपने नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं. इस चरण के लिए 16 अक्तूबर को मतदान होगा. उन्होंने कहा, 'चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आदर्श चुनाव संहिता लागू हो गई है और मुझे उम्मीद है कि उम्मीदवार और राजनीतिक दल इसका पूरी तरह से पालन करेंगे.'
काबरा ने कहा कि श्रीनगर और जम्मू के लिए दो निगमों समेत राज्य में 79 नगरपालिका निकाय हैं. उन्होंने कहा, 'इन 79 निकायों में 1,145 वार्ड है जिनमें से 90 अनुसूचित जाति और 38 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं.'
चुनाव का बहिष्कार करेगी NC और PDP
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इन चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ऐसा फैसला अनुच्छेद 35A के कारण किया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला का कहना है कि केंद्र सरकार को अनुच्छेद 35ए पर अपना स्टैंड साफ करना चाहिए. बुधवार को उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इसपर अपने रुख को साफ नहीं करती है और राज्य में शांति की कोशिशों को आगे नहीं बढ़ाती है हम इन चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा घाटी की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने भी अनुच्छेद 35A का हवाला देते हुए इन चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया है. पीडीपी के कोर ग्रुप की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता रफी मीर ने बताया कि पीडीपी पंचायत चुनावों से दूर रहेगी. मौजूदा हालात चुनावों के लिए उपयुक्त नहीं है और जब तक केंद्र सरकार अनुच्छेद 35A पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करती, पीडीपी इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगी.
बता दें कि 35 ए के मामले में अभी सुप्रीम कोर् ट में की सुनवाई चल रही है. सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि राज्य में अभी पंचायत चुनाव होने हैं, इसलिए सुनवाई आगे बढ़ाई जाए. 35A के मुद्दे पर राज्य में लगातार विरोध हो रहा है, जिस समय सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे की सुनवाई हो रही थी तब भी कई बार राज्य में बंद बुलाया गया था.