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35-A पर सरकार के साथ नहीं जेडीयू, हटाने का प्रस्ताव आया तो करेगी विरोध

अगर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35-ए को हटाने की केंद्र सरकार पहल करती है तो सहयोगी पार्टी जेडीयू बीजेपी का समर्थन नहीं करेगी. जम्मू-कश्मीर पर नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक खत्म हो गई है. इस बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फाइल फोटो
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फाइल फोटो

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  • 35-ए पर केंद्र सरकार के विरोध में जेडीयू
  • कश्मीर पर विशेष उपबंध में संशोधन के पक्ष में जेडीयू नहीं
  • कश्मीर में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती

जम्मू-कश्मीर से धारा 35ए को हटाने की खबरों के बीच नरेंद्र मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35-ए को हटाने के फैसले का भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की सहयोगी पार्टी जनता दल(यूनाइटेड) विरोध कर सकती है. अगर संसद में मोदी सरकार 35ए को हटाने का प्रस्ताव लाएगी तो नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू इसका विरोध करेगी.

ऐसी सियासी गलियारों में चर्चा है कि जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 35-ए को केंद्र सरकार खत्म करने की तैयारी कर रही है. तभी राज्य में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. और राज्यों की भी पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है. इसी बीच जम्मू-कश्मीर के शीर्ष नेताओं को भी नजरबंद किया गया है.

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बता दें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और कई दिग्गज कश्मीरी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है. नजरबंद होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट किया कि हिंसा से केवल उन लोगों के हाथों में खेलेंगे जो राज्य की भलाई नहीं चाहते. शांति के साथ रहें और ईश्वर आप सभी के साथ रहें.

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुनने में आ रहा है कि जल्द ही इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया जाएगा. कर्फ्यू पास भी जारी किए जा रहे हैं. अल्लाह जाने क्या होगा. यह एक लंबी रात होने जा रही है.

राज्यों को एडवाइजरी जारी

जम्मू-कश्मीर पर नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक खत्म हो गई है. इस बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है. उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. साथ ही हिंसा को रोकने के लिए पुलिस से मॉक ड्रिल चलाने का निर्देश भी जारी किया गया है.

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं. अर्धसैनिक बलों की करीब एक हजार कंपनियां घाटी में तैनात हैं. यानी राज्य में अर्धसैनिक बलों के करीब एक लाख जवान सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए हैं. घाटी में इससे पहले इतने सुरक्षाबलों की तैनाती पुलवामा हमले के बाद और बालाकोट एयरस्ट्राइक से पहले की गई थी.

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सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर में आतंकी हमले का इनपुट मिलने के बाद 100 अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को भेजा गया था. दो दिन पहले 80 और कंपनियों को घाटी में भेजा गया है. इसके अलावा अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए लगाए गए 320 अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियों को भी घाटी की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है.

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