पाकिस्तानी सेना और ISI की नई साजिश का खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, ये ड्रोन की मदद से भारतीय सीमा में आतंकियों की घुसपैठ कराने की साजिश रच रहे हैं. इसके लिए ड्रोन में लगे हाईटेक कैमरों से घुसपैठ के लिए नए-नए रास्ते देखे जा रहे हैं. साथ ही आतंकियों को हाईटेक GPS और नेविगेशन करने वाले गैजेट्स से लैस किया जा रहा है.
ISI ने कश्मीर में मौजूद ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) को आतंकी घुसपैठ के नए रूट प्लान तैयार करने का फरमान दिया है. सर्दियों में बर्फबारी के दौरान घुसपैठ के लिए गाइडों को रेकी करने के भी हुक्म दिए गए हैं ताकि आतंकी घुसपैठ के नए रूट तलाशे जा सकें. आतंकी घुसपैठ के लिए गाइडों का ही सहारा लेते हैं.
सूत्रों का कहना है कि गुरेज सेक्टर के सेना की फॉरवर्ड लोकेशन और उस तक पहुंचने के लिए रास्तों की जानकारी और उसके नक्शे बनाने का काम सौंपा है. भारतीय सेना के कैंप और उस इलाके में मौजूद नदी नालों की जीपीएस लोकेशन भी तैयार करने में आतंकी जुटे हैं. ये सभी गाइड आतंकी तंजीम जैश और लश्कर से ताल्लुक रखते हैं.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस तरह के OGW और गाइडों पर नजर रख रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, ISI ने बाकायदा भारतीय इलाकों में उनके ओवर ग्राउंड वर्कर, वो लोग जो कि घुसपैठ के बाद उन्हें रिसीव करेंगे और एलओसी के पास के गांव में जो लोग उन्हें ठिकाना देंगे उसकी भी जानकारी आतंकियों को दी है. ताकि घुसपैठ के नए रूट प्लान साझा कर सकें.
खुफिया रिपोर्ट में ये भी साफ हुआ की गुरेज सेक्टर के दूसरी ओर पीओके में पाकिस्तान सेना की कुछ अतिरिक्त सेना का मूवमेंट भी हुआ है. मिनिमार्ग, कामरी, डोमेल और गुल्टारी जैसे इलाकों में पाकिस्तान की सेना के पोस्ट और आतंकी कैंप दोनों है. कुछ हथियार और गोला-बारूद गिलगित और चिलम चौकी इलाके से भेजे गए हैं.