भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का परिसीमन जल्द होगा. इसके लिए राज्य पुर्नगठन आयोग बनाया जाएगा. परिसीमन की प्रक्रिया में राज्य की संबंधित संस्थाओं को भी शामिल किया जाएगा. राम माधव ने आज तक के वरिष्ठ पत्रकार राहुल कंवल से विशेष बातचीत में कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से घाटी के लोगों को सिर्फ फायदा ही होगा. उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ही उन्हें विकास के रास्ते पर ले जाएगी.
जम्मू-कश्मीर में अभी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सिक्योरिटी एजेंसियां अलर्ट हैं. लेकिन क्या सैनिकों के वापस जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल रहेगी. इस सवाल पर राम माधव ने कहा कि सभी सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं. इस तरह की पाबंदियां पहले की सरकारें भी जम्मू-कश्मीर में लगाती आई हैं. उनके लिए ये कोई नई बात नहीं है. पहले भी इंटरनेट बंद हुआ है. पहले भी धारा 144 लगी है. पहले भी गिरफ्तारियां और नजरबंदी हुई है. घाटी के लोग जानते हैं कि केंद्र की सरकार उनके भले के लिए है. सुरक्षा हटने के बाद भी शांति बहाल रहेगी.
सब ठीक रहा तो भविष्य में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा भी मिलेगा
केंद्र शासित प्रदेश बनाने और पूर्ण राज्य का दर्जा न देने के सवाल पर राम माधव ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि विपक्ष के लोग बोलते आए हैं कि जम्मू-कश्मीर दूसरे राज्यों की तरह नहीं है. मोदी सरकार ने वही किया. उसे दूसरे राज्यों जैसा नहीं बनाया. पाकिस्तान और सीमा पार से होने वाली आतंकी गतिविधियों समेत अन्य रणनीतिक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. इसके बावजूद यहां पर विधानसभा होगी. भविष्य में सब कुछ ठीक रहा तो जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा भी दिया जाएगा.
पाकिस्तान-अमेरिका क्या कहते हैं इससे फर्क नहीं पड़ता
जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान से भी आवाजें उठ रहीं हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी मध्यस्थता की पेशकश की थी. क्या धारा 370 इन वजहों से हटाई गई है. इस सवाल पर राम माधव ने कहा कि पाकिस्तान क्या सोचता है और करता है उससे भारत की सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता. जहां तक बात रही अमेरिका की तो उसकी पेशकश से ज्यादा जरूरी है हमारा संविधान. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना फैसला खुद लेते हैं. कई बार ये फैसले बहादुरीपूर्ण होते हैं. लेकिन उनके फैसले हमेशा संविधान के तहत होते हैं. जम्मू-कश्मीर देश का आंतरिक मामला है. इस बारे में पाकिस्तान और अमेरिका क्या सोचते हैं उससे फर्क नहीं पड़ता.