जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा समीक्षा पर गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, आर्मी चीफ जनरल विपिन रावत, जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर जीसी मुर्मू, सीआरपीएफ के डीजी, गृह सचिव, गृह मंत्रालय के सीनियर सिक्योरिटी एडवाइजर के विजय कुमार, आईबी चीफ अरविंद कुमार मौजूद हैं. इसके साथ ही जम्मू पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह भी बैठक में शामिल हैं.
Delhi: Jammu and Kashmir Lt Governor GC Murmu, Army Chief General Bipin Rawat and CRPF DG Rajeev Rai Bhatnagar have reached Home Ministry for a high level meeting. pic.twitter.com/usWPpoYG0I
— ANI (@ANI) December 24, 2019
गौरतलब है कि 5 अगस्त को मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. इसके तहत राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया गया था. साथ ही हजारों लोगों को अगस्त से ही हिरासत में रखा गया था. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती के साथ ही कई नेताओं के नाम शामिल हैं. इसको लेकर कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया और इन नेताओं को रिहा करने की मांग भी की.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद इसके खिलाफ कश्मीर में किसी प्रकार की हिंसक घटना नहीं देखी गई है. सरकार का दावा है कि अब तक वहां सबकुछ शांतिपूर्ण है. ऐसे में सरकार की पहली प्राथमिकता वहां शांति व्यवस्था बनाए रखने की है. पाकिस्तान की ओर से जारी लगातार सीजफायर उल्लंघन और हाल के महीनों में कश्मीर में बाहरी मजदूरों पर हमले को देखते हुए सरकार पूरे प्रदेश पर खास ध्यान रखना चाहती है. सुरक्षा की स्थिति चुस्त-दुरुस्त रहे, इसके कई प्रयास किए जाते रहे हैं.