नरेन्द्र मोदी नीत बीजेपी सरकार को कड़ी चुनौती देने के लिए जनता दल से अलग हुए विभिन्न दल के संसद के आगामी शीतसत्र में एक साझा नेता चुन सकते हैं.
इस 'एकता' के काम को आगे बढ़ाने के प्रयासों में जुटे जनता जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, 'हम इस व्यवस्था पर गौर कर रहे हैं. सत्र शुरू होने पर हम कोई निर्णय करेंगे.'
इस मोर्चे में सपा, जेडीयू, ओमप्रकाश चौटाला नीत इनेलो, लालू प्रसाद नीत आरजेडी व एचडी देवगौड़ा नीत जेडीएस सदस्य के रूप में शामिल हैं. इन दलों का संख्याबल लोकसभा में 15 और राज्यसभा में 25 है.
इस घटनाक्रम से करीब दो हफ्ते पहले इन दलों के नेताओं की दोपहर भोज पर बैठक हुई थी, जिसका आयोजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने किया था. इन सभी पार्टियों की पहले भी बैठक हुई थी, ताकि किसी तरह तीसरे मंच को फिर से जिंदा किया जा सके. वे हाल में मेरठ में राष्ट्रीय लोक दल के अजीत सिंह द्वारा आयोजित एक जनसभा में भी एक साथ आए थे. आरएलडी प्रमुख ने इस सिलसिले में मुलायम सिंह यादव से उनके आवास पर मुलाकात की.
जनता दल परिवार के विचार को आगे बढ़ाने वाले लोगों का मानना है कि केन्द्र में जब भी गैर कांग्रेसी सरकारें बनीं, जनता दल सत्ता की धुरी रहा है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के एक शक्तिशाली ताकत के रूप में उभरने से उत्तर प्रदेश में सपा तथा बिहार में जेडीयू को कड़ी चुनौती मिल रही है. उनका मानना है कि यदि बीजेपी के खिलाफ कोई व्यापक धर्मनिरपेक्ष गठबंधन बनता है, तो संयुक्त मोर्चा की उसमें मजबूत स्थिति होगी. जेडीयू व आरजेडी बिहार में हाथ मिला चुके हैं. जेडीयू नेताओं ने हाल में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में इनेलो के लिए प्रचार किया था.
---इनपुट भाषा से