scorecardresearch
 

जनता परिवार का विलय तय

रविवार का दिन जनता परिवार के विलय के लिहाज से निर्णायक साबित हो सकता है. खबर है कि रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से मिलेंगे और इस मुलाकात में जनता परिवार के विलय को अंतिम रूप दिए जाने की पूरी संभावना है.

Advertisement
X
मुलायम सिंह यादव अैर नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
मुलायम सिंह यादव अैर नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

रविवार को आखि‍रकार जनता परिवार का विलय हो गया है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पटना में इस बाबत बैठक के बाद यह जानकारी दी. लालू ने कहा कि जनता परिवार में छह पार्टियां होंगी, जिसका मुलायम सिंह यादव जल्द ही आधि‍कारिक ऐलान करेंगे. इस महीने बदलेगी देश की राजनीति

Advertisement

नहीं होगा विलय का ऐलान
हालांकि यह तय माना जा रहा है कि रविवार को जनता परिवार के विलय का औपचारिक तौर पर ऐलान नहीं होगा क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद रविवार को अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए पटना में मौजूद रहेंगे. सूत्रों का कहना है कि जनता परिवार के विलय को लेकर आरजेडी में कई नेता आपत्त‍ि जता चुके हैं. इन नेताओं का कहना है कि वो जनता दल यूनाइटेड के उन नेताओं के साथ मिलकर कैसे काम सकते हैं, जो सालों से उन धुर विरोधी रहे हैं. माना जा रहा है कि कार्यकारिणी की बैठक में लालू इन सभी अंसतुष्ट नेताओं को भी विलय के लिए राजी करेंगे.

साइकिल पर होगा परिवार सवार
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने पहले ही साफ कर दिया है कि जनता परिवार का विलय समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में होगा. खबर यह भी है कि जो नई पार्टी बनेगी उसे 'समाजवादी जनता पार्टी' के नाम से जाना जाएगा और सपा की 'साइकिल' ही इस पार्टी का चुनाव चिन्ह होगा. नई पार्टी के अध्यक्ष की भूमिका में मुलायम सिंह नजर आएंगे. हालांकि, पार्टी का झंडा क्या होगा, यह अभी तय नहीं हो सका है.

Advertisement

बीजेपी के लिए चुनौती बनेगा महागठबंधन
विलय का सबसे बड़ा सियासी फायदा राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड को होगा. अब तक चुनाव में दोनों ही पार्टियां आपस में भिड़ती रहीं, कई बार एक दूसरे के वोट बैंक को नुकसान भी पहुंचाया. अगर विलय हो जाता है तो दोनों पार्टियों के वोट बैंक का साथ आना तय माना जा रहा है. ऐसे में यह गठबंधन राज्य में बीजेपी को मजबूत चुनौती देने की स्थिति रहेगा और बीजेपी विधानसभा चुनाव में हार जाती है तो इसका असर उत्तर प्रदेश चुनावों में भी दिखेगा.

Advertisement
Advertisement