भ्रष्टाचार के खिलाफ गांधीवादी समाज सेवक अन्ना हजारे के आंदोलन के प्रति लगातार बढ़ रहे युवाओं के समर्थन के बीच कुछ लोगों का मानना है कि जंतर मंतर भारत का तहरीर चौक बन गया है.
गौरतलब है कि मिस्र के नेता हुस्नी मुबारक के खिलाफ आंदोलन का केंद्र तहरीर चौक ही था. इस आंदोलन के कारण आखिरकार मुबारक को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. सशक्त लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर हजारे का आमरण अनशन चौथे दिन में पहुंच गया. सारी आंखें इसपर टिकी हुई हैं कि राजधानी में चल रहे इस आंदोलन में आगे क्या होगा.
देश के युवा खासतौर पर सड़कों और साइबर क्षेत्र में जोरदार प्रचार कर रहे हैं. दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज के 20 वर्षीय छात्र निनान वर्गीज ने कहा, ‘हम यहां क्रांतिकारी भावना को जीवित रखने के लिए हैं. अगर ट्यूनीशिया और मिस्र जैसे देश बदलाव ला सकते हैं तो करोड़ों की आबादी वाला भारत क्यों नहीं उनकी बराबरी कर सकता है. हम नहीं चाहते कि क्रांति की लौ मद्धिम पड़े. हम चाहते हैं कि यह जारी रहे. हम बदलाव चाहते हैं.’ {mospagebreak}
सशक्त भ्रष्टाचार निरोधी विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए संयुक्त समिति गठित करने की हजारे की मांग को विभिन्न क्षेत्रों से समर्थन मिल रहा है. गुड़गांव में काम करने वाली 26 वर्षीय एचआर कंसल्टेंट भावना जैन ने कहा, ‘मैं नहीं समझ पा रही कि सरकार क्यों अनिच्छुक है. लोकपाल विधेयक को पेश किये जाने में हम ऐसे भारत को देखते हैं जिसमें नागरिकों के राजनैतिक और सांस्कृतिक अधिकारों का सम्मान किया जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘अन्ना जुनून सबके सिर चढ़कर बोल रहा है. हर कोई इस व्यक्ति से मिलना चाहता है, जिसका आत्म नियंत्रण और इस उद्देश्य के प्रति जो भावना है उसकी हममें से शायद ही कोई बराबरी करने का सपना देख सकता है. आप उनसे सहमत या असहमत हो सकते हैं लेकिन उनकी अनदेखी नहीं कर सकते हैं.’
इस बीच, हजारे के आंदोलन के लिए इंटरनेट के माध्यम से भी लगातार समर्थन जुटाने की कोशिश की जा रही है. कई ऑनलाइन कार्यकर्ता माइक्रो ब्लॉगिंग और सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ हजारे के जिहाद का समर्थन करने के लिए संदेश भेज रहे हैं. {mospagebreak}
सोशल नेटवर्किंग साइटों और ट्विटर पर प्रस्तावित विधेयक के बारे में चर्चा ने जहां युवकों का समर्थन जुटाने में मदद की है वहीं ‘आपके भविष्य के लिए 78 साल की उम्र में अन्ना हजारे अनशन पर हैं. क्या आप घर पर बैठे रहेंगे और उन्हें मरने देंगे’ और ‘हां, आप कर सकते हैं’ जैसे एसएमएस ने लोगों में इसके प्रति काफी उत्सुकता जगाई है.
आईआईटी दिल्ली के छात्र हर्ष चोर्डिया ने कहा, ‘जब मुझे पहली बार संदेश मिला तो मैंने इसे प्रचार का हथकंडा मानकर खारिज कर दिया लेकिन जब मैंने हजारे को टीवी पर देखा और अनेक लोगों को उनके बारे में बातचीत करते सुना तो मुझे महसूस हुआ कि इस आंदोलन में बहुत कुछ है. जब मैं रैली में शामिल हुआ तो मैंने पुनर्जीवित महसूस किया. मुझे लगा कि आखिरकार मैं अपने देश के लिए कुछ कर रहा हूं.’
फेसबुक और ट्विटर पर प्रत्येक मिनट हजारे के बारे में 45-50 अपडेट दिखाई पड़ रहे हैं. इन वेबसाइटों का उपयोग करने वाले लोग लगातार अपने नजरिए को अद्यतन कर रहे हैं और अन्य लोगों से भी इस आंदोलन में शामिल होने की अपील कर रहे हैं.