हैदराबाद गैंगरेप और हत्याकांड मामले को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जंतर-मंतर पर आमरण अनशन पर बैठी थीं लेकिन अब वे राजघाट के सामने पंडाल लगाकर प्रदर्शन कर रही हैं. स्वाति मालीवाल को अब दिल्ली के जंतर मंतर से हटा दिया गया है. प्रदर्शनकारियों को राजघाट के सामने पंड़ाल लगाकर धरना देने की इजाजत मिल गई है.
जगह बदलने पर स्वाति मालिवाल ने कहा कि यह पहली बार नहीं है. जब मैं पिछली बार यहां बैठी थी तब दसवें दिन कानून बन गया था. तब हमारी जीत हुई थी. इस बार फिर मैं धरने पर बैठ रही हूं. मेरी अपील है कि ज्यादा से ज्यादा लोग राजघाट पर आएं, मैं चाहती हूं कि लोग अपने बेटों से बात करें. बेटियों को बहुत हिदायत दे दी. मुझे जंतर मंतर पर बैठना था, पुलिस डर गई.
आज शाम दिल्ली पुलिस और पैरा-मिलिट्री के हज़ारों जवानों ने मेरा अनशन तुड़वाने की कोशिश करी। हमें जंतर मंतर से हटाकर राजघाट लाया गया है। मेरा अनशन अभी भी जारी है। राजघाट से इस लड़ाई को अंजाम देंगे। मांग पूरी होने पर ही अनशन खत्म होगा। https://t.co/VePoOidXey
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 3, 2019
स्वाति मालीवाल की मांग है कि दुष्कर्म के मामलों में दोषी को 6 महीने के भीतर फांसी की सजा सुनाई जाए. स्वाति मालीवाल का कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वो जंतर-मंतर से नहीं हटेंगी. लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें जबरन हटाने तक की चेतावनी दे दी थी, जिसके बाद स्वाति मालिवाल ने यहां से हटने का फैसला किया है.
अनशन रहेगा जारी
स्वाति मालीवाल ने कहा, 'मैं इंतजार कर रही हूं. हमारा मकसद जगह नहीं है. मैं किसी के लिए कोई द्वेष नहीं रखती हूं. दिल्ली पुलिस राजघाट में हमें बैठाना चाहती है, तो भी हम तैयार हैं. दिल्ली पुलिस अरेंजमेंट करती है, तो हम राजघाट जाने को तैयार हैं. हमारा अनशन जारी रहेगा.'
दिल्ली पुलिस प्रदर्शनकारियों को लगातार जगह खाली करने की चेतावनी दे रही थी. पुलिस का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की कुछ गाइडलाइन जारी की है, जिसका उल्लंघन हो रहा है. पुलिस स्वाति मालीवाल और अन्य महिलाओं को जगह खाली करने का निर्देश दे रही थी.
जब पुलिस ने जबरन हटाने की दी चेतावनी
पुलिस ने एक और चेतावनी देते हुए यहां तक कह दिया था कि अगर स्वाति मालीवाल और महिलाएं जंतर-मंतर से नहीं हटती हैं, तो हमको उन्हें जबरन उठाना पड़ेगा.
वहीं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी दो टूक कहा था, 'मेरा अनशन जारी रहेगा. अगर दिल्ली पुलिस कोई अलग सुरक्षित जगह सेंट्रल दिल्ली दे, तो हम शांति से चले जाएंगे, लेकिन जगह सुरक्षित हो. अगर पुलिस बलपूर्वक हटाएगी तो हम विरोध करेंगे.' हालांकि, अब उन्होंने जंतर-मंतर से हटकर राजघाट जाने का फैसला किया है.
निर्भया के दोषियों को हो फांसी
स्वाति मालीवाल का कहना है कि निर्भया के बलात्कारियों को फांसी दी जाए. दिल्ली में 66 हजार पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. देशभर में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएं और दिल्ली में 45 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनें. इसके साथ ही पुलिस की जवाबदेही तय की जाए और उनको आधुनिक तकनीक से लैस किया जाए. स्वाति मालीवाल की यह भी मांग है कि पूरे निर्भया फंड का इस्तेमाल किया जाए.