बीजेपी से बगावत करने के बाद पार्टी से निकाले जा चुके जसवंत सिंह लालकृष्ण आडवाणी से मिलने पहुंचे हैं. समझा जा रहा है कि वे अपने बेटे की पार्टी में वापसी के लिए कोशिश कर रहे हैं.
बताया जाता है कि सुबह करीब 11 बजे पूर्व बीजेपी नेता जसवंत सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की. लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जबरदस्त जीत के बाद जसवंत सिंह की इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. गौरतलब है कि बीजेपी की लोकसभा चुनाव में जसवंत सिंह ने अपनी पसंदीदा सीट बाड़मेर से ही चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी से बगावत कर दी थी. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें वो हार गए.
समझा जा रहा है कि जसवंत अब अपने बेटे को बीजेपी में फिर से शामिल कराने के लिए आडवाणी का दामन थाम रहे हैं. वैसे जसवंत बीजेपी के सीनियर लीडर रह चुके हैं और आडवाणी के पुराने सहयोगी हैं.
जसवंत को बीजेपी उम्मीदवार ने दी मात
राजस्थान की बाड़मेर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार जसवंत सिंह बीजेपी उम्मीदवार कर्नल सोनाराम से चुनाव हार गए. चुनाव के पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए सोनाराम ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह को 87,000 वोटों से भी ज्यादा के अंतर से हराया. चुनाव में सोनाराम को 4.87 लाख वोट मिले, जबकि जसवंत सिंह चार लाख वोट ही जुटा पाए.
जसवंत सिंह पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे और विजयी रहे थे.
इस बार जसवंत सिंह बाड़मेर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बीजेपी ने सोनाराम को यहां उम्मीदवार बनाया. इससे खफा होकर जसवंत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यहां से पर्चा भरा और नाम वापस लेने से मना करने पर बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
जसवंत सिंह बाड़मेर के जसोल गांव के रहने वाले हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में जसवंत सिंह केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.