रविवार को सर्व जात खाप पंचायत की बैठक होने वाली है. खाप पंचायत की इस बैठक में जाटों को मिलने वाले रिजर्वेशन को हटाने के फैसले को लेकर चर्चा की जाएगी. खाप पंचायत इस बैठक में ये तय करेगी कि सुप्रीम कोर्ट में जाटों को रिजर्वेशन को लेकर रिव्यू कमेटी डाला जाए. इस बैठक में रिजर्वेशन हटाए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन का फैसला भी किया जाएगा.
गौरतलब है कि जाट को समुदाय को पिछड़ा माने जाने के केंद्र के मत पर असहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 4 मार्च, 2014 को जारी उस अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसमें नौ राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत जाटों को भी आरक्षण देने की घोषणा की गई थी.
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की पीठ ने कहा, 'हम केंद्र सरकार के इस मत से सहमत नहीं हो सकते कि नौ राज्यों में जाट समुदाय पिछड़ा वर्ग में आता है, इसलिए केंद्र सरकार की अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) वाली सूची में उन्हें शामिल किया जाए.'
आपको बता दें कि यूपीए सरकार ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में जाटों को लाभ देने के लिए उन्हें ओबीसी के तहत आरक्षण देने का प्रावधान किया था. तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) की अनुशंसा की अनदेखी करते हुए यह अधिसूचना जारी की थी. बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने भी हालांकि पूर्ववर्ती सरकार के फैसले का समर्थन किया था.