एक तरफ तीन राज्यों में नवर्निवाचित सरकारों द्वारा किसानों की कर्जमाफी के ऐलान को लेकर कांग्रेस पार्टी अपनी पीठ थपथपा रही है, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पंजाब और कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकारों द्वारा की गई कर्जमाफी को लेकर सवाल खड़े कर रही है. बीजेपी ने कांग्रेस पर किसानों पर किसान कर्जमाफी से पीछे हटने का इल्जाम लगाते हुए कहा है कि अब तो दोनों राज्यों के किसानों को नोटिस आने लगे हैं.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लिए वादा करना और फिर उससे मुकर जाना नई बात नहीं रह गई है. कर्नाटक, मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ में कांग्रेस ने वादा किया लेकिन उसे नहीं निभाया. कर्नाटक में वहां की सरकार ने 45 हजार करोड़ की कर्जमाफी की बात की थी, लेकिन वो भी खोखली साबित हुई. उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीने में कर्नाटक में 397 किसानों ने आत्महत्या की. ये कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड है.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पंजाब और कर्नाटक के किसानों का कर्ज माफ तो हुआ नहीं, उलटा किसानों को बैंकों की तरफ से नोटिस दिए जा रहे हैं, उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में भी 90 हजार करोड़ की कर्जमाफी की बात की गई थी, लेकिन वहां भी किसानों के साथ धोखा किया गया.
जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि 50 साल से कांग्रेस की किसान विरोधी नीति के कारण ही किसानों की दुर्दशा हुई है. किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य नहीं दिया गया. स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशें मोदी सरकार ने ही लागू की, जबकि कांग्रेस ने इस मामले में कभी कुछ नहीं किया. पांच राज्यों में किसानों को धोखा देकर वादे किए गए. जो हाल कर्नाटक और पंजाब में हुआ, वही मध्यप्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी होने वाला है.