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खुदा से बेहतर प्रशासक थे मनमोहन सिंह: जावेद अख्तर

इसी दौरान मां के सर्वोपरि होने का जिक्र आया तो उन्होंने कहा कि दुनिया मां की बहुत इज्जत करती है, उसे खुदा भी मानती है लेकिन वह खुदा को ही नहीं मानते. और इज्जत सिर्फ मां की ही नहीं बल्कि हर महिला की होनी चाहिए.

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जावेद अख्तर
जावेद अख्तर

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उर्दू के नामचीन लोगों की महफिल में मशहूर गीतकार और शायर जावेद अख्तर ने खुदा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह में तुलना करते हुए हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि अगर यकीं किया जाए तो मनमोहन सिंह खुदा से बेहतर प्रशासक हैं. दरअसल उर्दू के उत्सव जश्न-ए-रेख्ता के चौथे संस्करण में अख्तर 'कुछ इश्क किया कुछ काम किया' सत्र में अतिका अहमद फारुकी के साथ गुफ्तगू कर रहे थे.

इसी दौरान मां के सर्वोपरि होने का जिक्र आया तो उन्होंने कहा कि दुनिया मां की बहुत इज्जत करती है, उसे खुदा भी मानती है लेकिन वह खुदा को ही नहीं मानते. और इज्जत सिर्फ मां की ही नहीं बल्कि हर महिला की होनी चाहिए. फिर वह वहां मौजूद लोगों से रुबरु होते हुए बोले, बचपन में आप को दांत टूट जाने पर परीकथा सुनाई जाती थी.

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शहरों में यही काम सैंटाक्लॉज की कहानी सुनाकर किया जाता था. जब बड़े होकर आप समझ गए कि यह सब कहानियां हैं और आप इन्हें भूल गए तो खुदा की कहानी से अब तक क्यों चिपके हैं? उसे भी क्यों नहीं छोड़ देते?

जावेद अख्तर ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, मैं नहीं मानता कि खुदा है और अगर है तो फिर बड़े शर्म की बात है कि उसके होते हुए दुनिया ऐसे चल रही है. बुरा ना मानिये लेकिन हम कहते हैं कि मनमोहन सिंह के दौर में बड़े घोटाले हुए, ये हुआ, वो हुआ. लेकिन सोचिए, उनके गठबंधन के कुछ साथी भी थे, उनके अपने बॉस भी थे और उनकी कुछ मजबूरियां भी रहीं होंगी.. लेकिन फिर भी उन्होंने सरकार चला ही ली. और यहां आप तो खुदा हैं, फिर भी दुनिया ऐसे चल रही है तो यकीन मानिये मनमोहन सिंह खुदा से बेहतर प्रशासक थे.

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