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जय शाह के बचाव में पीयूष गोयल, बोले- वेबसाइट पर करेंगे 100 करोड़ का मानहानि केस

बीजेपी और अमित शाह के बेटे जय अमित शाह ने इस खबर को ‘झूठी, अपमानजनक और मानहानिपूर्ण’ करार देते हुए आरोप को खारिज कर दिया है.

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अमित शाह के परिवार के साथ पीएम मोदी (फाइल फोटो)
अमित शाह के परिवार के साथ पीएम मोदी (फाइल फोटो)

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बीजेपी और कांग्रेस में एक नए मुद्दे पर जुबानी जंग छिड़गई है. एक वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के बाद कपिल सिब्बल ने अमित शाह के बेटे की आमदनी पर सवाल उठाए थे और दावा किया था कि उनकी आमदनी 2014 के बाद बेतहाशा बढ़ी है. अब बीजेपी ने वेबसाइट पर सौ करोड़ का मानहानि का केस ठोकने की बात कही है.

विपक्षी दलों ने एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे की कंपनी के कारोबार में हुई कथित बेतहाशा आमदनी से जुड़ी मीडिया में चल रही खबरों को लेकर जांच की मांग की है.

बीजेपी और अमित शाह के बेटे जय अमित शाह ने इस खबर को ‘झूठी, अपमानजनक और मानहानिपूर्ण’ करार देते हुए आरोप को खारिज कर दिया है. खबर को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस, वाम दलों और AAP ने जांच की मांग की है. कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने इसे ‘घोर पूंजीवाद’ का मामला बताया. माकपा के सीताराम येचुरी ने दावा किया कि यह मोदी सरकार के दौरान भ्रष्टाचार का ताजा मामला है.

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कपिल सिब्बल ने कहा, 'आज हम प्रधानमंत्री... प्रधान सेवक से सवाल पूछते हैं.. अब आप घोर पूंजीवाद के बारे में क्या कहेंगे? क्या आप सीबीआई को मामले की जांच का निर्देश देंगे? क्या आप प्रवर्तन निदेशालय को इन लोगों को गिरफ्तार करने का आदेश देंगे.' विपक्षी पार्टियों ने एक खबर के बाद ये मांग की. खबर में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के आंकड़े को उद्धत करते हुए कहा गया है कि जय अमित शाह के मालिकाना हक वाले टेंपल इंटरप्राइज की संपत्ति में वर्ष 2015-16 के दौरान 16,000 गुना और उससे पहले के साल से करीब 80 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ.

विपक्षी दलों के हमलावर रुख पर मजबूती से पार्टी और BJP प्रमुख के बेटे का बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आरोपों को खारिज किया और जय अमित शाह का एक बयान जारी किया. इसमें अमित शाह के बेटे ने कहा है कि वह खबर चलाने वाली खबरिया वेबसाइट के लेखक, संपादक और मालिक पर 100 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा करेंगे.

BJP अध्यक्ष शाह के बेटे ने बयान में कहा है कि इस आलेख में उनके खिलाफ झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए हैं. ऐसा करने के पीछे उनकी मंशा लोगों को यह बताने कि है कि मेरे व्यवसाय को मेरे पिता अमित शाह के कारण 'सफलता' मिली है. जय अमित शाह ने कहा कि उनका कारोबार पूरी तरह कानूनसम्मत है और कर रिकॉर्ड और बैंकिंग लेनदेन में यह चीज नजर आती है.

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कपिल सिब्बल ने साथ ही आरोप लगाया कि जय अमित शाह की एक कंपनी को पर्याप्त गारंटी नहीं होने पर भी एक सहकारी बैंक से 25 करोड़ रुपये का ऋण मिला. इसके अलावा कंपनी को भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) से भी 10.35 करोड़ रुपये का ऋण मिला. यह नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत काम करने वाली कंपनी है.

एक सवाल के जवाब में सिब्बल ने कहा, 'जब यह मालूम चलेगा कि ऋण को मंजूरी क्यों दी गयी थी तो अपराध सामने आएगा. हम जानते हैं कि सीबीआई और ईडी किनकी जांच करेंगी और किनकी नहीं करेंगी. मुद्दा यह है कि क्या प्रधानमंत्री इतने ईमानदार हैं कि यह कहें कि अमित शाह के बेटे की जांच की जाए.'

मोदी पर हमला बोलते हुए येचुरी ने ट्वीट किया, 'मोदी के शासन में भ्रष्टाचार के सिलसिले से जुड़ा नया मामला. बिरला-सहारा डायरी, जीएसपीसीएल, व्यापमं, ललित मोदी, चावल और खनन घोटाला. प्रधानमंत्री चुप क्यों है?' येचुरी ने कहा, 'जैन हवाला डायरी मामले के बाद लालकृष्ण आडवाणी और भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण ने इस्तीफा दे दिया था.' उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार के अंतर्गत अब ऐसा होगा.

भाकपा नेता डी राजा ने 'अदालत की निगरानी में उच्च स्तरीय एसआईटी जांच' की मांग की. आम आदमी पार्टी ने आरोपों की जांच की मांग की और कहा कि आपराधिक जांच शुरू होनी चाहिए.

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