तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने केंद्र सरकार पर गरीबी घटाने के लिए इच्छुक न होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह विदेशी निवेशकों को सुविधा मुहैया कराने के लिए आम आदमी के खिलाफ षडयंत्र रच रही है.
जयललिता ने गुरुवार को 12वीं पंचवर्षीय योजना की स्वीकृति के लिए आयोजित राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की 57वीं बैठक में कहा कि हमें ऐसे संकेत मिले हैं कि केंद्र सरकार गरीबी घटाने को इच्छुक नहीं है. बड़े पैमाने पर गरीबी एवं असमानता व्याप्त है और हर योजना में बढ़ती भी जा रही है. केंद्र सरकार आम आदमी को राहत देने के बजाय आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ाकर उनके खिलाफ साजिश रच रहा है. सरकार विदेशी निवेशकों के हितों के लिए अधिक काम कर रही है।.
उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्तारुढ़ गठबंधन सरकार अपने घटक दलों के मध्य कलह से परेशान है और यह सरकार हर रोज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है.
जयललिता ने एनडीसी की बैठक की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश पहले ही 12वीं पंचवर्षीय योजना के पहले वर्ष में ही तीन चौथाई लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह में है.
उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना की विषयवस्तु पर टिप्पणी करना लाभदायक होगा क्योंकि इसकी सम्भावना नहीं है कि किसी भी सलाह पर विचार किया जाएगा.
जयललिता ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दृष्टिकोण पत्र पर अंतिम बैठक में अपने सुझावों को अंतिम योजना दस्तावेज में जगह न मिलने की शिकायत की और कहा कि मैंने देखा है कि राज्यों के किसी भी वैधानिक एवं तार्किक सुझावों को स्वीकार नहीं किया गया है. निर्वाचित राज्य सरकारों पर बड़े भाई एवं अलोकतांत्रिक रवैए से दिल्ली की अल्पसंख्यक सरकार की कार्यक्रम एवं संदिग्ध योजनाएं थोपी जा रही हैं.
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री ने आर्थिक संकट के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया और कहा कि केंद्र सरकार देश की अर्थव्यवस्था के प्रभावी प्रबंधन में विफल रही है. वह अब लोगों पर इसके दुष्परिणाम थोप रही है. जयललिता ने केंद्र सरकार पर तमिलनाडु की वैधानिक मांगों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया.
जयललिता ने आवंटित समय से अधिक समय तक भाषण देने की अनुमति न मिलने से नाराज होकर एनडीसी की बैठक का बहिष्कार कर दिया था.