तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने मंगलवार को डीएमके के ट्रेजरर एम के स्टालिन को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आने के लिए धन्यवाद कहा. सोमवार को समारोह में हुई उनकी दिक्कतों पर सफाई देते हुए जयललिता ने कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था कि एमएलए की सीटों वाले ब्लॉक में उन्हें बैठाएं.
स्टालिन को हॉल के बीच में बैठाया गया था
मद्रास यूनिवर्सिटी के हॉल में हुए समारोह में स्टालिन को नए विधायकों के लिए तय सीटों पर बीच में उनकी पार्टी के विधायकों के बीच में बैठा दिया गया था. डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने इस पर बयान देकर जया सरकार पर स्टालिन के साथ बुरा बर्ताव किए जाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इससे उनकी पार्टी का अपमान हुआ है.
सरथ के बाद स्टालिन को बैठाने से नाराजगी
करुणानिधि ने कहा कि स्टालिन को भीड़ के बीच बिठाया गया, जबकि चुनाव हार चुके उम्मीदवार और अन्नाद्रमुक के सहयोगी आर सरथ कुमार को आगे की कतार में बिठाया गया. उन्होंने कहा कि डीएमके की ओर से 89 सीटें हासिल करने के बाद मुख्य विपक्ष की हैसियत रखने वाले स्टालिन को भीड़ में बिठाया गया. जबकि सरथ कुमार को आगे की सीट पर बिठाया गया.
जयललिता ने प्रोटोकॉल मैनुअल का दिया हवाला
करुणानिधि के सोच-समझकर डीएमके को अपमानित करने के आरोप पर जयललिता ने सफाई दी . उन्होंने कहा कि मैं स्टालिन को धन्यवाद देती हूं कि वह शपथ ग्रहण समारोह में आए. नए विधायकों के बीच में उन्हें बिठाए जाने की खबर से मुझे दुख हुआ. मैंने पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट को कहा था कि प्रोटोकॉल मैनुअल के हिसाब से हॉल में सीट अलॉट किए जाएं. उन्हें या उनकी पार्टी को अपमानित करने की हमारी कोई मंशा नहीं थी.
स्टालिन ने विरोधी दलों के रिवाज को तोड़ा
शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन स्थल मद्रास यूनिवर्सिटी सेंटेनरी ऑडिटोरियम में सफेद कमीज और धोती के पारंपरिक तमिल ड्रेस में स्टालिन को 16वीं पंक्ति में बैठे देखा गया. बताया जाता है कि जयललिता के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेकर स्टालिन ने विरोधी दलों के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने के रिवाज को तोड़ा है. स्टालिन ने खुद इस मसले पर कुछ नहीं कहा है.