तमिलनाडु की सीएम जयललिता बीते दो हफ्ते से चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं. डीएमके सीएम की सेहत को लेकर जारी अफवाहों के दौर में जयललिता की तस्वीर और पार्टी की ओर से आधिकारिक बयान की मांग कर चुका है.
तमिलनाडु सहित देशभर के लोगों में इस बात को लेकर उत्सुकता है कि आखिर सूबे में सरकार कौन चला है? ऐसे समय में, राज्य की सीएम दो हफ्ते से अस्पताल में भर्ती हैं. जयललिता की सेहत और बीमारी अटकलों का विषय-वस्तु बना हुआ है. जयललिता की सेहत से जुड़ी एक याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को आदेश दिया कि वो सीएम की सेहत के बारे में कोर्ट को जानकारी दें.
अपोलो अस्पताल की दूसरी मंजिल पर, जहां जयललिता भर्ती हैं, काफी गहमगहमी है. एक ओर जहां सीएम के इलाज में टॉप डॉक्टरों की टीम जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर एक महिला अफसर अपने मातहतों को निर्देश देने में जुटी रहती हैं. यह महिला हैं रिटायर्ड आईएएस अफसर शीला बालकृष्णन. इस वक्त जब सीएम जयललिता खराब सेहत की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं तो राज्य में सरकार की कमान इस महिला अफसर के हाथ में है. यहां तक कि ओ पनीरसेल्वम सहित जयललिता के टॉप कैबिनेट मंत्री भी शीला बालकृष्णन के निर्देशों पर काम कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि जयललिता शीला बालकृष्णन पर हद से ज्यादा भरोसा करती हैं. वजह है इस सीनियर अफसर की काबिलियत. आज हालत यह है कि तमिलनाडु सरकार में एक पत्ता भी शीला बालकृष्णन की मर्जी के बिना नहीं खड़कता.
1976 बैच की IAS अफसर
शीला जयललिता के बगल वाले कमरे से राज्य सरकार की बागडोर थामे हुए हैं. उसी फ्लोर पर दूसरे कमरे में जयललिता की करीबी शशिकला ने कब्जा जमाया हुआ है. लेकिन चाहे वो चीफ सेक्रेट्री पी राम मोहन राव हों या डीजीपी टी के राजेंद्रन, सारे आला अफसर शीला बालकृष्णन से सलाह लेकर काम कर रहे हैं. केरल के त्रिवेंद्रम से ताल्लुक रखने वाली शीला बालकृष्णन 1976 बैच की आईएएस अफसर हैं. 2014 में रिटायर होने के बाद से ही शीला सीएम जयललिता की सलाहकार हैं. जयललिता की गैरमौजूदगी हालांकि राज्य सरकार कोई बड़े नीतिगत फैसले नहीं ले रही है, लेकिन शीला की कोशिश है कि शासन और प्रशासन सामान्य तरीके से चलता रहे.
जयललिता की 'गुड बुक' में शामिल
शीला बालकृष्णन अस्पताल से आदेश देती हैं तो इन आदेशों का पालन और इनपर नजर रखती हैं राज्य सचिवालय में बैठीं रिटायर्ड अफसर शांता शीला नायर. शीला नायर को सीएम ऑफिस में ओएसडी बनाया गया है. बालकृष्णन को राज्य में काम करने का तीन दशक से भी ज्यादा का अनुभव है. पहले वो सीएम जयललिता की 'गुड बुक' में शामिल हुईं, फिर 2002 में राज्य सचिवालय में आ गईं.
डीएमके जब सत्ता में आई तो शीला बालकृष्णन साइडलाइन कर दी गईं लेकिन 2011 में जयललिता की सत्ता में वापसी के साथ ही शीला की भी वापसी हो गई. जयललिता के साथ उनकी करीबी और बढ़ती गई और 2012 में जब चीफ सेक्रेट्री की कुर्सी खाली हुई तो आईएएस पति आर बालकृष्णन पर शीला को तवज्जो दी गई और टॉप ब्यूरोक्रैट की गद्दी पर बैठा दिया गया.