श्रीलंकाई वेबसाइट पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के खिलाफ आपत्तिजनक लेख और तस्वीर ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. तमिलनाडु में इसके विरोध प्रदर्शन को देखते हुए श्रीलंकाई अंडर-15 क्रिकेट टीम को सुरक्षा कारणों से तुरंत चेन्नई छोड़ने को कहा गया. क्रिकेट टीम चेन्नई में जे एम हारून क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने पहुंची थी. हालांकि, सुरक्षा कारणों की वजह से स्थानीय पुलिस के तुरंत शहर छोड़ने का आग्रह के बाद सोमवार की सुबह टीम वापस कोलंबो के लिए रवाना हो गई. यह चार दिवसीय अंडर-15 क्रिकेट टूर्नामेंट सोमवार से ही शुरू हुआ है.
उधर, श्रीलंकाई रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर अन्ना द्रमुख प्रमुख जयललिता के खिलाफ आपत्तिजनक लेख पर सोमवार को राज्यसभा में भी जमकर हंगामा हुआ. प्रश्नकाल के दौरान हुए हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्रवाई दो बार स्थगित भी करनी पड़ी.
इस दौरान तमिल फिल्म उद्योग के लोगों ने भी श्रीलंकाई उप उच्चायुक्त के दफ्तर के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया.
वेबसाइट ने हटाई तस्वीर और लेख
हालांकि अब वेबसाइट ने इस प्रकरण पर खेद प्रकट करते हुए अपनी वेबसाइट पर माफी की खबर भी लगाई है. वेबसाइट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता से बिना शर्त माफी मांगी है.
गौरतलब है कि श्रीलंका की रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट www.defence.lk पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता की आपत्तिजनक तस्वीर लगाई गई थी. दरअसल वेबसाइट पर ‘जयललिता के प्रेम पत्र मोदी के लिए कितने सार्थक हैं?’ के शीर्षक से एक लेख डाला गया. इसमें एक आपत्तिजनक तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया था.
दरअसल, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने आपत्तिजनक लेख के मामले में नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि वह श्रीलंका सरकार से बिना शर्त माफी की मांग करें. इसके बाद मामले को लेकर श्रीलंका की सफाई आई है. यह लेख श्रीलंका रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से हटा लिया है.
विवादित लेख
श्रीलंकाई समुद्री क्षेत्र में भारतीय मछुआरों को पकड़ने और उसके बाद उन्हें छोड़ने को लेकर इस लेख में बात की गई है. लेख में कहा गया था कि हाल में भंडारनायके सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के निमंत्रण पर आए बीजेपी के उच्चस्तरीय डेलिगेशन ने साफ किया था कि दोनों देशों के संबंधों के बीच में तमिलनाडु नहीं आएगा. इस डेलिगेशन का नेतृत्व बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी कर रहे थे. इस लेख में जयललिता को नखरे छोड़ने की सलाह भी दी गई है और कहा गया है कि वे अपने मछुआरों के लिए भारतीय सीमा में दूसरी जगह ढूंढें. लेख में कहा गया है कि जल्द ही जयललिता को पता चल जाएगा कि नरेंद्र मोदी उनके नखरों और धमकियों पर नाचने वाली कठपुतली नहीं हैं. उन्हें अपने कार्यों से मोदी को नीचा नहीं दिखाना चाहिए.