तमिल सुपरस्टार से सीएम का सफर तय करने वाले एम जी रामचंद्रन की शागिर्दगी में अदाकार जे जयललिता भी अपना पताका फहराती हैं और फिर अपने कदम सियासत की ओर बढ़ाती हैं. बचपन से ही अपने जीवन में संघर्ष से सब कुछ पाने वाली जया यहां भी सफलता पाती हैं, लेकिन सियासत का सफर इतना आसान नहीं था. महिला होकर भी मर्दों से आगे निकलने की कला में जया बखूबी माहिर थीं. दिलचस्प बात यह है कि मर्दों की दुनिया में अपना राजनीतिक धाक जमाने वाली जया क्रिकेट देखने की शौकीन थी और नवाब पटौदी की फैन थीं.
क्रिकेट की शौकीन थीं जया
सियासत में आने के बाद जया ने 'अम्मा' के रूप में जगह बनाई. गंभीर दिखने वाली जया क्रिकेट की शौकीन और जानकार थीं. वह खासतौर से नवाब पटौदी की बल्लेबाजी पसंद करती थी. स्टेडियम जाकर वह दूरबीन उनका मैच देखती थीं. लेकिन इस सबके बावजूद वह क्रिकेट को ऐसा खेल मानती थीं, जिसको पुरुषों ने महिलाओं से सीखा था.
क्रिकेट को महिलाओं द्वारा ईजाद खेल बताया
कुछ साल पहले सीपीआई के नेता डी राजा एक डिनर में जयललिता से मिले. डी राजा तमिलनाडु से ही राज्यसभा सांसद हैं. डिनर के दौरान एक क्रिकेट मैच भी चल रहा था, जयललिता उसमें खास दिलचस्पी ले रहीं थीं. इसको देखकर डी राजा को काफी आश्चर्य हुआ. उन्होंने जयललिता के व्यक्तित्व के मद्देनजर मजाक में कहा, 'क्रिकेट तो मर्दों का खेल है, आपकी इतनी दिलचस्पी?' फिर क्या था, जया ने तपाक से राजा को क्रिकेट का इतिहास सुना डाला और राजा की बोलती ही बंद नहीं की, बल्कि उनको चौंका भी दिया.
जब डी राजा हुए जया के फैन
उस वाकये को याद करते हुए राजा कहते हैं, 'राजनीतिक तौर पर वह जया की शख्सियत पर कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन जब जया से उन्होंने मजाक में क्रिकेट को मर्दों का खेल कहा, तो जया ने उनको इतिहास बताया.' राजा के मुताबिक, जया ने बताया कि क्रिकेट की शुरुआत ब्रिटेन के बकिंघम पैलेस के राजघराने की महिलाओं ने की थी. उस वक्त राजघराने की महिलाओं ने बोर होने से बचने के लिए और स्वस्थ रहने के लिए इस खेल का ईजाद किया. यह सुनकर राजा का चौंकना लाजमी था.
इतिहास बताकर जया ने जता दिया कि वह किसी भी मामले में औरतों को मर्दों से पीछे नहीं मानती थीं. इससे राजा जयललिता से काफी प्रभावित हुए.