केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि सरकार एयर इंडिया के विनिवेश के लिए प्रतिबद्ध है और एयर इंडिया की अनुषंगी कंपनियों की बिक्री के लिए रूपरेखा को मंजूरी दे दी गई है. नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि सरकार एयर इंडिया के विनिवेश के लिए प्रतिबद्ध है.
जयंत सिन्हा ने कुंवर हरिवंश सिंह, सुधीर गुप्ता, एसआर विजय कुमार और अशोक चव्हाण के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एयर इंडिया विशिष्ट वैकल्पिक प्रणाली (एआईएसएएम) ने एयर इंडिया की अनुषंगी कंपनियों - एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल), एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एआईएटीएसएल) और एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड (एएएसएल) के निपटान की पद्धति की रूपरेखाओं का निर्णय करने का अलग से फैसला लिया है.
जयंत सिन्हा ने कहा कि इसके अतिरिक्त एआईएसएएम ने अन्य बातों के साथ एयर इंडिया की अनुषंगी कंपनियों की बिक्री के लिए रूप रेखा स्वीकृत की है और एआईएटीएसएल की बिक्री की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं. एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के स्वामित्व और प्रबंधन के अंतर्गत 129 हवाईअड्डे आते हैं, जिनमें से 94 वित्त वर्ष 2017-18 में घाटे में चल रहे थे. ये घाटे मुख्य रूप से संबंधित हवाईअड्डों पर होने वाले कुल व्यय की तुलना में कम राजस्व की प्राप्ति की वजह से हुए हैं.
जयंत ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में इंदौर, भोपाल और रायपुर हवाईअड्डों को घाटा हुआ है. सुरेश प्रभु ने कपिल पाटिल के प्रश्न के उत्तर में कहा कि एएआई ने गैर-प्रमुख हवाईअड्डों पर टैरिफ में वृद्धि के रूप में वैमानिक राजस्व में वृद्धि करने के लिए कदम उठाए हैं और राजस्व में वृद्धि करने तथा घाटों में कमी लाने के लिए कुछ हवाईअड्डों का वाणिज्यिक दृष्टि से दोहन करने के लिए उपाय किए गए हैं.