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मोदी ने की थी 'जयंती टैक्स' की बात, अब सत्ता में हैं तो करा लें जांच: जयंती नटराजन

पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने राहुल गांधी के कहने पर कई प्रोजेक्ट रोके. उन्होंने कहा कि कई प्रोजेक्ट पर पर्यावरणीय मंजूरी के संबंध में राहुल ने 'विशेष अनुरोध' किया.

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Jayanthi Natarajan
Jayanthi Natarajan

पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने राहुल गांधी के कहने पर कई प्रोजेक्ट रोके. उन्होंने कहा कि कई प्रोजेक्ट पर पर्यावरणीय मंजूरी के संबंध में राहुल ने 'विशेष अनुरोध' किया. शुक्रवार को उन्होंने चेन्नई में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस्तीफे का ऐलान किया और कांग्रेस में लोकतंत्र न होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उनकी फिलहाल किसी और पार्टी में जाने की योजना नहीं है.

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जयंती नटराजन ने आरोप लगाया कि अडानी प्रोजेक्ट पर उन्हें राहुल गांधी की ओर से निर्देश मिले. उनके साथी मंत्री इस प्रोजेक्ट को पास करने के लिए कह रहे थे, लेकिन उन्होंने 'पार्टी लाइन' के मुताबिक राहुल के निर्देशों का पालन किया. जयंती ने कहा, 'इस वजह से उन्हें साथी मंत्रियों के गुस्से का सामना भी करना पड़ा. लेकिन मैं उन्हें यही बताती रही कि मुझे यह सुनिश्चित करना है कि पर्यावरण और भविष्य तबाह न हो.'

UPA के समय के प्रोजेक्ट पर होगा पुनर्विचार!
जाहिर तौर पर, मामले को बीजेपी ने हाथोंहाथ लिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आखिरकार अफवाहें सच साबित हुईं. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट में देरी होना अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ है और पर्यावरण मंत्रालय को इन प्रोजेक्ट को हरी झंडी देने पर फिर विचार करना चाहिए. इसके थोड़ी देर बाद ही पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नटराजन के आरोपों की जांच करने का ऐलान किया. वित्त मंत्री जेटली ने कहा है कि यूपीए के समय के सभी प्रोजेक्ट पर पुनर्विचार किया जाएगा.

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राहुल ने कहा, 'मैं बिजी हूं'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयंती नटराजन ने दावा किया कि उन्होंने फिक्की में दिए भाषण के बारे में राहुल गांधी को शिकायती ईमेल लिखा और पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. इस पर राहुल ने जवाब दिया कि वह इस वक्त मैं व्यस्त हूं, आपको बाद में कॉल करूंगा. लेकिन उन्होंने कभी कॉल नहीं की. उन्होंने कहा कि मुझे पार्टी की प्रदेश इकाई से कोई दिक्कत नहीं है, मुझे केंद्रीय हाईकमान ने साइडलाइन किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने एक-एक कदम कानून और नियमों के मुताबिक ही लिया और पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहीं. उन्होंने कहा, 'मैंने कुछ गलत नहीं किया. अगर कोई मेरी गलती साबित कर दे तो मैं फांसी चढ़ने-जेल जाने को तैयार हूं.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 'जयंती टैक्स' की बात कही थी. अब वह सत्ता में हैं तो इसकी जांच हो जाए. मैं मोदी पर क्यों दोष लगाऊं, जब मेरी अपनी पार्टी ने मुझसे ऐसा बर्ताव किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें पार्टी ने नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले करने का काम सौंपा था. उन्होंने पार्टी से कहा कि मोदी को नीतियों के आधार पर घेरना चाहिए, स्नूपगेट के आधार पर नहीं. लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई.

उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के लिए काम करने वाली अपने परिवार की चौथी पीढ़ी से हूं. लेकिन अब यह वह पार्टी नहीं रही, जिसकी सेवा मैंने इतने साल तक की. मेरा परिवार पार्टी की स्थापना से उससे जुड़ा है. उन्होंने पार्टी में लोकतंत्र न होने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे माहौल में काम करना उनके लिए मुश्किल था. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को लिखी उनकी चिट्ठी अखबार में छपने के बाद वह अपना पक्ष रखने मीडिया के सामने आई हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे लिए यह दुख देने वाला मौका है क्योंकि मेरे परिवार ने लंबे समय तक कांग्रेस की सेवा की है. मुझे राज्यसभा में सीट देने के लिए शुक्रिया.'

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