कांग्रेस के बागियों में नया नाम पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन का है. उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर काम-काज में दखल देने और पर्यावरणीय मंजूरी के संबंध में 'विशेष अनुरोध' करने का आरोप लगाया है.
जयंती ने कहा कि उन्हें कई बड़े प्रोजेक्ट राहुल गांधी के कहने पर रोकने पड़े, जबकि उनके कैबिनेट के सहयोगी इन्हें मंजूरी देने की मांग कर रहे थे. इस संबंध में शुक्रवार को उन्होंने चेन्नई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस्तीफे का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि फिलहाल उनकी किसी पार्टी में जाने की योजना नहीं है.
जाहिर तौर पर, मामले को बीजेपी ने हाथोंहाथ लिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आखिरकार
अफवाहें सच साबित हुईं. उन्होंने कहा कि
प्रोजेक्ट में देरी होना अर्थव्यवस्था से खिलवाड़
है और पर्यावरण मंत्रालय को इन प्रोजेक्ट को हरी झंडी देने पर फिर विचार करना चाहिए. इसके थोड़ी देर बाद ही पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नटराजन के आरोपों की जांच करने का ऐलान किया.
दरअसल नवंबर में जयंती ने सोनिया गांधी को सख्त लहजों में एक चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी के कुछ लोग मीडिया के जरिए उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं. नटराजन के मुताबिक यह दुष्प्रचार तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी अपना पर्यावरण के पक्ष में अपनाया रुख छोड़कर कॉरपोरेट प्रेमी हो गए.
नटराजन ने लिखा है, 'मुझे राहुल गांधी और उनके दफ्तर से विशेष अनुरोध मिलते थे, जो हमारे लिए निर्देश थे. इनमें कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पर्यावरण को लेकर चिंताएं जाहिर की जाती थीं. मैंने उन अनुरोधों का पालन किया.'