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AIADMK में विरासत की जंग, जयललिता की भतीजी ने दिए नई पार्टी बनाने के संकेत

दीपा जया कुमार ने नई पार्टी बनाने की संभावना को खारिज नहीं किया.  वो अपने अगले सियासी कदम का ऐलान जयललिता की जयंती (24 फरवरी) के दिन कर सकती हैं.

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नई पार्टी बना सकती हैं जया की भतीजी
नई पार्टी बना सकती हैं जया की भतीजी

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जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके में विरासत की जंग जारी है. जयललिता की भतीजी दीपा जया कुमार ने दो टूक कहा है कि उन्हें पार्टी महासचिव के ओहदे पर शशिकला मंजूर नहीं हैं. उनके मुताबिक वो इस पद पर सिर्फ जयललिता या एआईएडीएमके के संस्थापक एम जी रामचंद्रन को ही देख सकती हैं.

बना सकती हैं नई पार्टी
दीपा जया कुमार ने नई पार्टी बनाने की संभावना को खारिज नहीं किया. उन्होंने कहा, 'मेरे पास दो विकल्प हैं- या तो मैं एआईएडीएमके में शामिल हो जाऊं या फिर नई पार्टी बनाऊं. मैं कोई फैसला लेने से पहले समर्थकों की राय लूंगी.' उन्होंने राज्य को जयललिता की ख्वाहिशों के मुताबिक चलाने का वादा भी किया. वो अपने अगले सियासी कदम का ऐलान जयललिता की जयंती (24 फरवरी) के दिन कर सकती हैं.

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शशिकला से रार
जिस वक्त जयललिता चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं, दीपा जया कुमार को उनसे मिलने नहीं दिया गया था. उस वक्त कुमार ने दावा किया था कि कुछ लोग जानबूझकर उन्हें जयललिता से मिलने देना नहीं चाहते.

दीपा जया कुमार के बयान की बड़ी बातें:

-समर्थकों के साथ लंबी चर्चा के बाद किया राजनीति में आने का फैसला

- जयललिता या एमजीआर के अलावा एआईएडीएमके महासचिव के पद पर दूसरा मंजूर नहीं

-मेरी शक्ल और भावनाएं जयललिता से मेल खाते हैं. मैं आम लोगों, खासकर महिलाओं के लिए काम करूंगी.

-मैं जयललिता की जायदाद पर दावा नहीं करूंगी. मुझे सिर्फ उनका पेन सौंप दिया जाए.

-अगले सियासी कदम का ऐलान जयललिता की जयंती के दिन होगा.

-पार्टी कैडर ने मुझसे अगुवाई करने को कहा.

-शशिकला के परिवार ने दावा किया है कि जयललिता उनकी विचारधारा पर चल रही थीं. ये सरासर झूठ है.

-मैं चुनाव जरुर लड़ूंगी लेकिन अब तक सीट तय नहीं.

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