सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स को हजार करोड़ में से कम से कम 600 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है. हजार करोड़ रुपये जमा करने में असमर्थता जता चुकी जेपी के वकील फली एस नरीमन ने अपने मुवक्किल से निर्देश लेने की बात कही.
बता दें कि जेपी का कहना था कि पहले कोर्ट उन्हें NCLT इलाहाबाद में चल रहे मुकदमे को जल्द निपटाने के आदेश दे तभी वो इतनी बड़ी रकम जमा कर सकते हैं. लेकिन कोर्ट का कहना था कि पहले रकम जमा कराई जाए. अब कोर्ट इस बारे में 13 जुलाई को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स को 15 जून तक 1000 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 15 जून तक पैसा जमा कराने के बाद इंसोल्वेंसी प्रोसिडिंग पर लगी रोक पर विचार किया जा सकता है. इससे पहले जेपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, 750 करोड़ रुपये जमा करा दिए गए हैं. जेपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि कमेटी ऑफ क्रेडिटर को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह उनके ऑफर को स्वीकार करें. जेपी इन्फ्रा कंपनी की संपत्ति नहीं बेची जानी चाहिए.
वहीं बायर्स की ओर से कहा गया था कि बैंक की तरह उन्होंने भी पैसे निवेश किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'जिन फ्लैट खरीददारों को फ्लैट चाहिए उनके बारे में बाद में देखेंगे पहले हम रिफंड के मामले को लेकर चिंतित हैं और उनके मामले को देखेंगे. इससे पहले जेपी एसोसिएट्स की ओर से बताया गया था कि उनके 31 हजार फ्लैट खरीददारों में से केवल 8 फीसदी लोग यानी 2800 लोग ऐसे हैं जिन्होंने रिफंड का विकल्प चुना है, जबकि अन्य ने मकान का विकल्प चुना है. पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट खरीदारों के हितों को सबसे ऊपर बताते हुए जेपी को 2000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था.