सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फ्लैट खरीदारों के हित में प्रस्ताव बनाने का आदेश दिया है. जेपी के फ्लैट खरीदारों की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि आप एक ऐसा प्रस्ताव क्यों नहीं लाते, जिससे फ्लैट खरीदारों की समस्या का समाधान हो जाए. इसके लिए केंद्र सरकार को दो दिनों का समय दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये केवल जेपी के मामले में नहीं कई बिल्डरों के मामलों में फ्लैट खरीदारों के पैसे फंसे हुए हैं. कोर्ट ने कहा केंद्र सरकार को दो दिनों का समय दिया गया है. दरसअल जेपी के फ्लैट खरीदारों ने कहा है कि अगर जेपी को दिवालिया घोषित किया जाता है तो सबसे पहले बैंक अपना पैसा वापस लेंगे, हमें कुछ नहीं मिलेगा.
कोर्ट ने माना कि 180 और 90 दिनों की मियाद पूरी हो चुकी है इसलिए आईबीसी के प्रावधान के मुताबिक लिक्विडेशन की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि फ्लैट खरीदारों के हित में जरूरी है कि वह आगे आए और राहत दिलाए. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि आईबीसी फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा में सक्षम नहीं है. कोर्ट ने सरकार से कहा कि फ्लैट खरीदारों को कैसे राहत दी जा सकती है, इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जाए. इस निर्देश के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई मुकर्रर की. ये मामला जेपी ग्रुप से जुड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह का एक मामला आम्रपाली ग्रुप का भी है.
गौरतलब है कि आम्रपाली के ग्रेटर नोएडा स्थित 6 हाउसिंग प्रोजेक्ट में 32 हजार और नोएडा में करीब 10 हजार घर खरीदार फंसे हैं. खरीदारों की उम्मीद पर पिछले 8 साल से पानी फिर रहा है. आम्रपाली के हाउसिंग प्रोजेक्ट 2010 में शुरू हुए थे लेकिन घर नहीं मिलने से नाराज खरीदार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए जहां इस मामले पर सुनवाई चल रही है.