गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हमले के बाद एक बार फिर बीजेपी पर पलटवार करते हुए जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कहा कि पार्टी को अपने सहयोगी दल का सम्मान करना चाहिए और इस प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए.
राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नरेंद्र मोदी पर हमले को लेकर बीजेपी नेताओं की ओर से बीते कुछेक दिनों से कड़ी प्रतिक्रिया पर पलटवार करते हुए जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने पटना में प्रदेश कार्यालय में कहा, ‘बीजेपी के लोग जिस प्रकार की प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं उन्हें इस प्रकार की प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करनी चाहिए. जेडीयू पर जिस प्रकार से आरोप लगाये जा रहे हैं वह सही नहीं है.’
बीजेपी नेताओं की ओर से गठबंधन धर्म का पालन करने की नसीहत के जवाब में तिवारी ने कहा, ‘हमने बीजेपी को बांध कर नहीं रखा है. हमने न तो बीजेपी का पैर पकड़ रखा है कि वह हमारा समर्थन करे. बीजेपी अपने फैसले करने के लिए स्वतंत्र है और हम भी स्वतंत्र है. हमें क्या करना है बीजेपी हमें नहीं बता सकती.’
नरेंद्र मोदी के बारे में राष्ट्रीय परिषद में परोक्ष रूप से रखी राय के बारे में जेडीयू नेता ने कहा, ‘किसके बारे में कहा जा रहा था. यह सबको पता है. प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कैसा हो यह निर्णय बीजेपी को करना है. जेडीयू कोई उम्मीदवार नहीं देगा. यह हमारा पुराना रुख है. हम यह उम्मीद करते हैं कि बीजेपी हमारी प्रतिबद्धता और वैचारिक भावना, नीति का सम्मान करेगी.’
तिवारी ने कहा, ‘जेडीयू के बारे में जो कहा जा रहा है वह उचित नहीं है. बीजेपी को वास्तविकता समझनी चाहिए. कांग्रेस या बीजेपी को यह भूलना नहीं चाहिए कि केंद्र में किसी पार्टी के अकेले दम पर सरकार नहीं बनने वाली है. हमारे और उनके बीच (राष्ट्रीय पार्टियां) फर्क यही है कि हम यदि किसी एक राज्य में सत्ता में हैं तो वो चार राज्यों में हैं. राष्ट्रीय पार्टियां लोगों की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर पायीं इसलिए क्षेत्रीय पार्टियों का विकास हुआ.’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और बीजेपी भले ही दावा करें लेकिन अब राष्ट्रीय पार्टी वाला मामला नहीं है. हमें भी अपनी बात कहने का अधिकार है.’
जेडीयू सांसद ने कहा, ‘स्वयं बीजेपी में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अलग-अलग राय है. कोई कह रहा है कि आडवाणी को उम्मीदवार बनना चाहिए तो कोई किसी की बात कह रहा है. स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला बीजेपी का संसदीय बोर्ड करेगा.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते वर्ष एक अंग्रेजी अखबार को दिये गये साक्षात्कार में पार्टी की स्थिति साफ कर दी थी. उन्होंने साफ कर दिया है कि वो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं है. राष्ट्रीय परिषद ने बीजेपी को दिसंबर तक उम्मीदवार तय करने को कहा है. बीजेपी ऐसे उम्मीदवार को नामित करे जो सबको साथ लेकर चलने वाला हो.
तिवारी ने कहा कि जेडीयू ने बीजेपी के साथ ऐसे समय में हाथ मिलाया जब भारतीय राजनीति में भगवा पार्टी अछूत मानी जाती थी. प्रधानमंत्री का उम्मीदवार किस प्रकार का व्यक्ति होना चाहिए यह भी नीतीश ने साफ कर दिया है. अब बीजेपी को नाम घोषित करना है. इसलिए जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद बीजेपी जिस प्रकार प्रतिक्रिया दे रही है उसे ऐसा नहीं करना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी की तुलना नहीं हो सकती है. क्या दोनों एक प्रकार के लोग हैं? ऐसा होता तो वाजपेयी ने मोदी को राजधर्म पालन करने की नसीहत न दी होती. नरेंद्र मोदी को राजनाथ सिंह द्वारा धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति कहे जाने पर तिवारी ने कहा कि यदि ऐसी बात है तो बीजेपी को मोदी को अविलंब प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित दिया जाना चाहिए. नाम तय हो जाए तब हम फैसला करेंगे. अभी नरेंद्र मोदी और आडवाणी का सवाल नहीं है. अभी सवाल है कि बीजेपी किसका नाम तय करती है.
एक अन्य प्रश्न के जवाब में शिवानंद ने कहा, ‘यदि बीजेपी 40 लोकसभा सीटों पर लड़ने की घोषणा करे, ऐसी परिस्थिति हो जाए तो जेडीयू भी 40 पर लड़ने को तैयार है. हर राजनीतिक दल अपनी तैयारी रखता है.’ तिवारी ने कहा कि यह गठबंधन यदि टूटेगा तो किसी के लिए खुशी की बात नहीं होगी. बीजेपी और जेडीयू के बीच 17 वर्ष से गठबंधन चल रहा है. मिलकर अच्छी तरह गठबंधन सरकार चलाने में यह नजीर है.