कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मात देने के लिए जनता दल (एस) और बीएसपी ने एक साथ उतरने का फैसला किया है. गुरुवार को इसके मद्देनजर बीएसपी सुप्रीमो मायावती और एचडी देवगौड़ा ने गठबंधन किया है. इसके लिए बकायदा दोनों नेताओं ने एग्रीमेंट पेपर पर हस्ताक्षर किए. साल 2013 में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में जेडीएस को 40 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि बीएसपी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी.
इस बार के विधानसभा चुनाव में बीएसपी और जेडीएस के सााथ आने से बीजेपी और कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. वहीं, JDS नेता दानिश अली ने कहा, ''मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि BSP ने पहली बार राजनीतिक गठबंधन JDS के साथ करने का फैसला किया है. हम मिलकर कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. 17 फरवरी को बंगलौर से साझा चुनाव अभियान की शुरुआत होगी. मायावती और देवेगौड़ा एक मंच पर होंगे.''
बीएसपी महासचिव सतीश मिश्र और JDS नेता दानिश ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा कि दोनों दल आगामी लोकसभा चुनाव में भी एक साथ उतरेंगे. उन्होंने कहा कि अप्रैल में कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां एक साथ मैदान में उतरेंगी. उन्होंने कहा कि इस गठबंधन के तहत राज्य की 224 सीटों में से मायावती की BSP 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. बाकी 204 सीटों पर JDS अपने उम्मीदवार उतारेगी.
कर्नाटक में गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा JDS के एचडी कुमारस्वामी होंगे. वह पहले भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. हालांकि अभी कर्नाटक चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर दिखाई दे रही है. दोनों एक-दूसरे पर किसी न किसी मामले को लेकर आरोप लगा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच कड़वे बोल पहले ही शुरू हो गए हैं.
चुनाव के प्रचार के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तीन दिन के दौरे पर कर्नाटक जाएंगे. 10 से 13 फरवरी के बीच अपने दौरे के दौरान राहुल बेल्लारी, कोप्पल, रायचूर, यादगीर, गुलबर्गा और बिदार की यात्रा करेंगे. गठबंधन को लेकर बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का कहना है कि बीएसपी जेडीएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. हम 17 फरवरी को बंगलुरु से अपना अभियान शुरू करेंगे.
इससे पहले साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को 224 सीटों में से 122 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, बीजेपी और जेडीएस को 40-40 सीटें मिली थीं. बीएसपी ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वह राज्य में अपना खाता खोलने में नाकाम रही थी.