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लालकृष्ण आडवाणी के 'मोदी-विरोधी' सुर पर JDU की ताल

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्या भाए, एनडीए का अहम घटक दल जनता दल यूनाइटेड की मानों बांछे खिल गईं.

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्या भाए, एनडीए का अहम घटक दल जनता दल यूनाइटेड की मानों बांछे खिल गईं.

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जेडीयू खुलेआम आडवाणी के सुर में सुर मिलाकर मोदी पर निशाना साधने में जुट गई. इस बयान का सहारा लेकर जेडीयू मोदी की पीएम उम्मीदवारी के दावे को एक बार फिर खारिज कर दिया.

जेडीयू नेता अली अनवर ने कहा, 'मैं आडवाणीजी के बयान से बिल्कुल सहमत हूं. गुजरात पहले से विकसित था. तो नरेंद्र मोदी ने ऐसा क्या खास किया?

आडवाणी के सुर में सुर मिलाते हुए जेडीयू नेता ने कहा कि विकास के मापदंड पर गुजरात से ज्यादा सराहनीय काम मध्य प्रदेश ने किया है.

मोदी पर निशाने साधते हुए उन्होंने कहा, हमारे नेता नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि सांप्रदायिक विचारधारा वाले नेताओं को देश बर्दाश्त नहीं करेगा. मुझे खुशी है कि देश के साथ-साथ बीजेपी भी हमारे इस विचार से सहमत है.

गौरतलब है कि आडवाणी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से तुलना करते हुए दोनों को अहंकार से परे बताया जबकि उन्‍होंने विकास के लिये शिवराज की तुलना गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से की. इशारों ही इशारों में शिवराज सिंह चौहान को मोदी से बेहतर भी बता डाला.

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आडवाणी ने नगर-ग्राम केन्द्रों के पालकों और संयोजकों के सम्मेलन के समापन के अवसर पर कहा कि वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में (जब वाजपेयी प्रधानमंत्री थे) में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण और उन्नयन, परमाणु परीक्षण, किसान क्रेडिट कार्ड से लेकर अनेक योजनायें शुरू कीं लेकिन हमेशा वे अहंकार से दूर रहे.

आडवाणी ने कहा कि इसी प्रकार चौहान ने जनता के कल्याण के लिये लाडली लक्ष्मी और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन सहित अनेक कल्याकारी योजनायें लागू की. उन्‍होंने कहा कि शिवराज सिंह की कल्पनाशीलता से मध्यप्रदेश विकास की नई बुलंदिया हासिल कर रहा है.

मोदी के लिए दिल्ली दूर है. आडवाणी ने ये नहीं कहा कि वो रिटायर हो रहे हैं. आडवाणी ने अबतक ये भी नहीं कहा है कि वो पीएम की रेस में नहीं हैं.

ऐसे मौके पर जब हफ्ते भर में बीजेपी की कार्यकारिणी की बैठक होने वाली हो तब आडवाणी का ये बयान यूं हीं नहीं हो सकता. इस बयान का सियासी मतलब तो निकाला ही जाएगा.

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