नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्ष की एकता पर एक बार फिर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार भी की, मंगलवार को 15 अन्य विपक्षी दलों के साथ बैठक बुलाई और प्रेस कॉन्फ्रेंस की तैयारी की लेकिन विपक्ष दलों के आपसी रिश्तों में ठंडक का एहसास हुआ.
कांग्रेस ने बैठक में शामिल होने को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को क्या बुलाया कि जेडीयू और वाम दल ने साफ कर दिया कि वह इस बैठक में नजर नहीं आएंगे. कांग्रेस की ममता बनर्जी से बढ़ रही नजदीकियां वाम दलों को रास नहीं आ रही है तो वहीं नीतीश कुमार को गद्दार कहने के लिए जेडीयू अभी तक ममता बनर्जी को माफ नहीं कर पाई है. बसपा और सपा का ध्यान सिर्फ चुनावों पर हैं तो कई अन्य दलों ने भी कुछ कांग्रेस नेताओं के नाम सहारा डायरीज़ में आने पर बैठक से कन्नी काट ली.
अभी कर कांग्रेस को सिर्फ टीएमसी, राजद और जेडीएस का ही साथ मिल पाया है, विपक्ष के खेमें में आ रही दरार से साफ है कि कांग्रेस को नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.