आसाराम के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म का मामला दर्ज किए हुए कई दिन बीत चुके हैं, पर उनकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है. अब उनपर राजनीतिक हमले और तेज होते जा रहे हैं.
चाहे जेडीयू हो या फिर सपा, बीजेपी हो या फिर शिवसेना, सभी एक सुर में आसाराम के खिलाफ कार्रवाई की वकालत कर रहे हैं.
सोमवार को जहां संसद में जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने आसाराम के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की मांग उठाई थी. वहीं, आज उनकी ही पार्टी के सांसद अली अनवर ने आसाराम की तुलना हाफिज सईद से कर डाली.
राजस्थान सरकार पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, 'हिंदुस्तान की सरकार ऐसे आदमी पर कार्रवाई करने से डर रही है, जो अनाप-शनाप बोलता है. जिस पर नाबालिग से रेप करने का आरोप है. ऐसे लोगों पर आप हाथ नहीं लगा पा रहे हैं और हाफिज सईद के लिए दूसरों की आलोचना करते हैं. ये तो वही हुआ ना.. जो गति मोरि, वो गति तोरि. रामा हो रामा.'
सपा ने भी आसाराम पर करारा प्रहार किया. पार्टी सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा, 'आसाराम कोई संत या महात्मा नहीं है, सिर्फ कथावाचक है. राजस्थान पुलिस उनके खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं कर रही है यह समझ के बाहर है. पुलिस को कानून से काम करना चाहिए.'
इधर, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'चाहे वह आसाराम हो या फिर कोई और. संत हो, महंत हो, राजनेता हो या फिर उद्योगपति. अगर इस प्रकार की घटना हुई है तो कानून सबके लिए एक समान है. पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.'
इस मसले पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. पर गौर करने वाली बात यह भी है कि उमा भारती और उनकी ही पार्टी के कई अन्य नेता आसाराम का बचाव कर चुके हैं.
सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता ने मंगलवार को फिर आसाराम पर हमला बोला. उन्होंने कहा, आसाराम ने जो किया वह शर्मनाक है. उन्हें तो फांसी होनी चाहिए.