पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद से जारी हिंसा के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तरफ से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर चर्चा हो रही है. वहीं बीजेपी के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का विरोध किया है.
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में इस तरह से धारा 356 लगाया जाना असंवैधानिक होगा. उन्होंने कहा कि हम इसका विरोध करेंगे. केसी त्यागी ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय के बयान से सहमत नहीं हैं, लेकिन ममता बनर्जी को बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखनी चाहिए.
बता दें कि बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे पर राज्य में अराजकता और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया. विजयवर्गीय ने कहा कि अगर राज्य में हिंसा जारी रहती है तो केंद्र राष्ट्रपति शासन लगाने के बारे में सोच सकता है.
बता दें कि लेफ्ट पार्टियों ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने का विरोध किया है. सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के सवाल पर विरोध जताते हुए कहा कि लेफ्ट किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के पक्ष में नहीं हैं.
वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. उन्होंने राज्य के हालात के बारे में गृह मंत्री को जानकारी दी. बता दें कि हाल ही में चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के समर्थक हिंसा में मारे गए हैं.
केंद्र सरकार ने पहले ही में बंगाल सरकार को एडवाइजरी जारी करते हुए राज्य में जारी हिंसा और राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में फेल होने को लेकर चिंता जाहिर की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया.